Kisan Diwas 2021: प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर भारत देश में अन्नदाताओं को भगवान का दर्जा प्राप्त है। भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। देश की आधी से अधिक जनसंख्या आज भी खेती किसानी या इससे जुड़े कामों से जीविकोपार्जन करती है। भारत में प्रत्येक वर्ष 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश रात दिन मेहनत करने वाले अन्नदाताओं के प्रति किसान दिवस के दिन आभार व्यक्त करता है। किसान दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कृषि वैज्ञानिकों के योगदान, किसानों की समस्याएं, कृषि क्षेत्र में नए प्रयोग, नई तकनीक, फसल पद्धति और खेती में बदलाव जैसे कई मुद्दों पर सार्थक चर्चा होती है।
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23 दिसंबर को ही किसान दिवस मनाये जाने का कारण दिग्गज किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती है। किसान नेता चौधरी चरण सिंह का जन्म (23 दिसंबर 1902 – 29 मई 1987)इसी दिन हुआ था।एक किसान परिवार में जन्में चौधरी चरण सिंह गांधी से काफी प्रभावित थे और जब देश गुलाम था तो उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई भी लड़ी. आजादी के बाद वे किसानों के हित के काम करने में जुट गए। उनकी राजनीति मुख्य रूप से ग्रामीण भारत, किसान और समाजवादी सिद्धांतों पर केंद्रित थी।
चौधरी चरण सिंह कहा करते थे कि किसानों की दशा बदलेगी, तभी देश बढ़ेगा और इस दिशा में वे लगातार काम करते रहे।चौधरी चरण सिंह भारत के किसान राजनेता और पांचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला था।
बता दें, उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम का पद भी संभाला है। 3 अप्रैल 1967 में चौधरी चरण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री (UP CM) बने थे। इसके बाद 1968 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन 17 फरवरी 1970 में दोबारा वो यूपी के सीएम बने।
चौधरी चरण सिंह केन्द्र सरकार में गृहमंत्री भी बने, जहां उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की। इसके बाद 1979 में वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना की।