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Lahsuniya Ratna : केतु ग्रह से जातक को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं, इस रत्न को पहनने से मिलता है लाभ

By अनूप कुमार 
Updated Date

Lahsuniya Ratna: कुड़ली में केतु ग्रह बहुत महत्व रखता है। केतु (Ketu) को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में केतु एक अशुभ ग्रह माना जाता है। इसका मतलब यह विल्कुल नहीं है कि केतु हमेशा जातक को बुरे ही फल देता है। ज्योतिषियों की माने तो केतु ग्रह से जातक को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में केतु को आध्यात्म, वैराग्य, मोक्ष तथा तांत्रिक विद्या कारक माना गया है। ज्योतिष में केतु (Ketu) को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। लेकिन धनु केतु की उच्च राशि है, जबकि मिथुन में यह नीच भाव में होता है।

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लहसुनिया केतु का रत्न है। इसके कई नाम हैं जैसे- वैदुर्य, विद्रालक्ष, लहसुनिया, कैटस आई आदि। यह वृषभ, तुला, मकर, मिथुन व कुम्भ राशि वालों के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होता है। लेकिन इसे धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श जरूर करना चाहिए।

केतु का मंत्र
ओम स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः

1.अगर आपके कार्य व व्यवसाय में लगातार हानि हो रही हैं एवं बिगड़े कार्य बन नहीं रहें है, तो लहसुनिया पहनने से लाभ होता है।
2. अगर आप लगातार रोग से ग्रसित रहते हैं तो चांदी की अंगूठी में लहसुनिया को बनवाकर मध्यमा उंगली में धारण करने से रोग में कमी आती है।
3. यदि लहसुनिया में चमक न हो तो यह धारण करने से धन का नाश न होता है। अगर इस रत्न में छेद हो तो वह खण्डित माना जाता है। ऐसा लहसुनिया धारण करने से शत्रुओं की संख्या में वृद्धि होती है।

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