Lakhimpur Kheri violence : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जेके माहेश्वरी (Justices Surya Kant and JK Maheshwar) की पीठ ने आशीष को अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ने और यूपी और दिल्ली में नहीं रहने के लिए कहा।
पढ़ें :- Pegasus Hacking Controversy : US कोर्ट ने NSO ग्रुप को सुनाई सजा, WhatsApp की बड़ी जीत
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जमानत के दौरान आशीष मिश्रा (Ashish Mishra News) को यूपी और दिल्ली से बाहर रहना होगा और जेल से निकलने के 1 हफ्ते के अंदर आशीष मिश्रा को यूपी भी छोड़ना होगा।
कोर्ट ने शर्त लगाते हुए कहा कि आशीष को पुलिस को अपना पता बताना होगा और वह हर दिन पुलिस थाने में रिपोर्ट करेगा। कोर्ट ने कहा कि वह गवाहों को किसी तरह से प्रभावित नहीं कर सकता है। वह अपने किसी भी गवाह से नहीं मिलेगा। कोर्ट ने मामले के 4 अन्य आरोपियों को भी अंतरिम जमानत दी।
उत्तर प्रदेश सरकार और पीड़ित परिवारों ने आशीष की जमानत याचिका का विरोध किया है। यूपी की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने 19 जनवरी को शीर्ष अदालत को बताया, “यह एक गंभीर जघन्य अपराध है, जो समाज पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर आज फैसला सुनाया, जो वर्ष 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक आरोपी है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ ने गत 19 जनवरी को मिश्रा की अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।