लखनऊ। महाठग संजय राय शेरपुरिया पर यूपी एसटीएफ के बाद अब ईडी ने बड़ा एक्शन लिया है। दिल्ली ईडी की टीमों ने मंगलवार को चार शहरों में शेरपुरिया के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली स्थित शेरपुरिया के आफिस व अन्य ठिकानों पर भी घंटों छानबीन चली। इसके अलावा लखनऊ, वाराणसी व गाजीपुर में भी ईडी की टीमों ने छानबीन की है।
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जेल में बंद महाठग संजय राय शेरपुरिया पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के दौरान कई संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। वहीं कोर्ट ने शेरपुरिया को 9 मई तक के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने सोमवार देर रात गोपनीय तरीके से शेरपुरिया के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान एजेंसी को शेरपुरिया के एनजीओ यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन व पांच कंपनियों कांडला एलर्जी एंड केमिकल लिमिटेड, कच्छ इंटरप्राइजेज, काशी फार्म फ्रेश प्राइवेट लिमिटेड, कांडला इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड व राय कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
इसके अलावा कई बैंकों के चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, लॉकर्स की जानकारी, पासपोर्ट के अलावा कंप्यूटर हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और मोबाइल फोन भी मिले हैं। यही नहीं छापेमारी के दौरान ईडी को कई संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं, जो गुजरात, दिल्ली, गाजीपुर, वाराणसी, लखनऊ में हैं। बरामद दस्तावेजों की छानबीन के आधार पर ईडी की टीम लखनऊ जेल में बंद शेरपुरिया से पूछताछ भी कर सकती है। दिल्ली ईडी की टीमों ने अपनी इस कार्रवाई को पूरी तरह गोपनीय रखा।
सूत्रों का कहना है कि ईडी की एक टीम शेरपुरिया के गाजीपुर स्थित पैतृक आवास भी पहुंची थी। वाराणसी में भी दो ठिकानों पर छानबीन की गई। लखनऊ के गोमतीनगर में उसने किराये का मकान भी ले रखा था। वहां भी ईडी की टीम पहुंची और पड़ताल की। संजय की पांच कंपनियों को लेकर भी छानबीन की जा रही है। इनमें चार कंपनियों में उसकी पत्नी भी शामिल है। कई शेल कंपनियों के जरिए भी बड़े खेल किए गए थे।
ईडी अब उनकी भी पड़ताल करेगा। दिल्ली व उत्तर प्रदेश से लेकर अन्य राज्यों में शेरपुरिया का नेटवर्क फैला था। यही वजह है कि उसके विरुद्ध जांच का दायरा और बढ़ सकता है। एसटीएफ भी उसके विरुद्ध लगातार जांच कर रही है। बता दें, बीते 25 अप्रैल को एसटीएफ ने राजधानी के विभूतिखंड से गाजीपुर निवासी संजय राय शेरपुरिया को गिरफ्तार किया था। शेरपुरिया ने दिल्ली के एक बड़े व्यापारी गौरव डालमिया से केंद्रीय जांच एजेंसी का केस रफा दफा कराने के नाम पर छह करोड़ की डील की थी। इसके बाद ही एसटीएफ ने शेरपुरीया को गिरफ्तार किया था।
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यूपीडा के अधिकारी के साथ साठगांठ
सूत्रों की मानें तो लखनऊ में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) में तैनात एक अधिकारी शेरपुरिया का करीबी है। लखनऊ आने पर यह अधिकारी ही शेरपुरिया को तमाम नेताओं, आईएएस, आईपीएस अफसरों से मिलवाने का इंतजाम करता था। इस अधिकारी के बारे में ईडी को पुख्ता जानकारी मिली है, जिसके बाद उस पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।
शेरपुरिया की छह दिन की कस्टडी रिमांड मिली
आपको बता दें महाठग संजय शेरपुरिया का असली नाम संजय प्रकाश राय है। महाठग संजय राय शेरपुरिया को मंगलवार को स्पेशल CJM कस्टम फरहा जमील की कोर्ट ने तीन मई की सुबह 10 बजे से नौ मई की शाम चार बजे तक पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का आदेश दिया है। विभूतिखंड इंस्पेक्टर राम सिंह ने सोमवार को कोर्ट में अर्जी देकर 10 दिन की रिमांड मांगी थी। इंस्पेक्टर ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया कि न्यायालय के आदेश के बाद आरोपी संजय शेरपुरिया का जेल में बयान लिया गया था।
इसमें उसने बताया कि उसने कई मंत्रियों व नेताओं के साथ अपनी फोटो खिंचवा कर ट्विटर व फेसबुक पर अपलोड कर लोगों को प्रभावित किया। फिर उन्हें अपने जाल में फंसा कर रुपए वसूले। बुधवार को पुलिस टीम गोसाईगंज जेल से शेरपुरिया को कस्टडी में लेकर पूछताछ करेगी। इस दौरान STF और ED की टीम भी पूछताछ कर सकती है।
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महाठग संजय शेरपुरिया के साथियों पर एक्शन की तैयारी
जानकारी के मुताबिक संजय शेरपुरिया को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अब उसके साथियों पर भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है शातिर संजय ने धोखाधड़ी का बड़ा रैकेट बना रखा था। इसके साथ ही उस पर फर्जी कंपनियों के नाम पर लोगों से पैसे लेने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। पुलिस कई दिनों से संजय की तलाश कर रही थी। आरोप है कि शेरपुरिया ने पीएम आवास के पास एक कोठी पर भी कब्जा किया था, जिसे खाली करा लिया गया है।
गुजरात में ईडी का एक्शन
बताया जा रहा है कि संजय शेरपुरिया के दिल्ली के राइडिंग क्लब को भी खाली कराया गया है। इसके साथ ही ईडी की टीम की अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है। गुजरात में भी ईडी की टीम कार्रवाई कर रही है। संजय शेरपुरिया सरकार और बड़े अधिकारियों से अपनी जान पहचान बताकर लोगों से पैसे लेता था। साथ ही वह बैंक से भी डिफॉल्टर है।