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किसान आंदोलन पर राकेश टिकैत की दो टूक : बोले- साहब ये भारत है, उत्तर कोरिया नहीं कि सुना दिया एकतरफा निर्णय

By संतोष सिंह 
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लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (samyukt kisan morch) की आयोजित किसान महापंचायत (kisan mahapanchayat ) में राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जिस समय नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एक रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी थी, जिसमें एमएसपी (MSP)पर गारंटी कानून बनाने की सिफारिश की थी। राकेश टिकैत ने सवाल किया कि आखिर अब उसे क्यों लागू नहीं किया जा रहा?

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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार (Modi government) को अब स्पष्ट जवाब देना होगा। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि घुमा-फिरा कर काम नहीं चलेगा। सरकार को अपनी बात समझाने में किसानों को एक साल का समय लगा। मसला एक नहीं और कई हैं। सीड बिल, एमएसपी (MSP) गारंटी, दूध पॉलिसी, बिजली बिल जैसे तमाम मुद्दे हैं जिन पर किसानों का संघर्ष अभी जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि जो 17 कानून संसद में लाए जा रहे हैं। उन्हें भी मंजूर नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश भर में उनका विरोध होगा। जब तक बातचीत के जरिए बैठकर सरकार हर मसले पर बात नहीं करेगी तब तक किसान वापस अपने घरों को नहीं जाएंगे।

 केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर भी साधा निशाना 

इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर भी निशाना साधा है। राकेश टिकैत ने कहा कि वह एक चीनी मिल का लखीमपुर खीरी में उद्घाटन करने जा रहे हैं। यदि टेनी ने चीनी मिल का उद्घाटन किया तो किसान सारा गन्ना वहां के डीएम के घर पर डालकर आएंगे। उन्होंने अपनी मांगे दोहराई कि जब तक किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं होते एमएसपी पर गारंटी कानून नहीं बनता, फसलों का उचित दाम नहीं मिलता ऐसे तमाम मुद्दों पर बात नहीं होती तब तक कोई समझौता नहीं होगा। टिकैत ने कहा कि गन्ने का रेट घोषित करने में यूपी सरकार थर्ड नंबर पर आई। ऊपर से अभी तक किसानों को बकाया नहीं दिया गया है। उनके बकाया का भुगतान तत्काल किया जाए।

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इस बार एयरपोर्ट की जमीन में होगी बुवाई 

राकेश टिकैत ने कहा कि लखनऊ में एयरपोर्ट के लिए 11 सौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण तो किया गया, लेकिन किसानों को उसके बदले एक फूटी कौड़ी नहीं दी गई । कह दिया गया कि सन 1942 में जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया था, यह मजाक है। उन्होंने कहा कि इसका हिसाब होगा और इस बार बरसात के बाद लखनऊ एयरपोर्ट की जमीन पर किसान बुवाई करेंगे। इन पीड़ित किसानों का संघर्ष अवश्य होगा। किसानों से आह्वान किया गया कि 26 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचें। ट्रैक्टर संसद की ओर रवाना होंगे। साथ ही 29 तारीख से प्रतिदिन 1000 लोग 60 ट्रैक्टर लेकर उधर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि 29 से 3 तारीख तक संसद में कानून वापस लेकर बरगलाने की कोशिश की जाएगी कि अब उनकी मांगे पूरी हो गईं, लेकिन इस बहकावे में नहीं आना है क्योंकि आगे की जंग अभी जारी रहेगी।

ओवैसी और भाजपा का रिश्ता चाचा-भतीजे जैसा : राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा कि ओवैसी और भाजपा का रिश्ता चाचा-भतीजे जैसा है। ओवैसी को सीएए और एनआरसी कानून रद्द करने के लिए टीवी पर बात नहीं करनी चाहिए, बल्कि भाजपा से सीधे बात करनी चाहिए। टिकैत ने यह बयान ओवैसी के सीएए-एनआरसी कानून रद्द करने की मांग को लेकर दिया है। टिकैत ने कहा कि यह उत्तर कोरिया नहीं है कि साहब ने एकतरफा निर्णय सुना दिया। न लागू करने से पहले बात की और न वापस लेने से पहले किसानों से मशविरा किया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां एकतरफा बात नहीं चलेगी। बिना किसानों से बातचीत के काम नहीं चलेगा।

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