Maa Kushmanda : नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की अर्चना करने का अवसर होता है। इस बार नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो गई है। नवरात्रि के चतुर्थ मां कूष्मांडा की पूजा का विधान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,मां
जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। अतः ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं। इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं।
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मां कूष्मांडा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। देवी कुष्मांडा कुंडली में नीच के बुध को नियंत्रित करती हैं तथा अनाहत चक्र को नियंत्रित करती है। मां कुष्मांडा को कुम्हड़ा विशेष रूप से प्रिय होने के कारण भी इनका नाम कूष्मांडा पड़ा।