Khargone Ram Navami Violence : मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा पर सख्त रुख अपनाया है। राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सोमवार को दंगाईयों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है। शहर के संवेदनशील छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में दंगाईयों के मकानों को तोड़ा गया है।
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बता दें कि बीते रविवार को हुए दंगे के बाद सोमवार को दंगाईयों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई है। शहर के संवेदनशील छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकानों को तोड़ा जा रहा है। बीते रविवार को रामनवमीं पर शोभायात्रा निकालने के दौरान सम्प्रदायिक विवाद हो गया था। जिसमें दंगाईयों ने पथराव, आगजनी की घटना की थी। रात 3 बजे तक अलग-अलग हिस्सों में आगजनी हुई थी। साथ ही गोली लगने से खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी और 10 पुलिस कर्मी घायल हुए थे।
#रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्यप्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है।
यह दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। pic.twitter.com/1hTzWX4WM9
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 11, 2022
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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान कर ली गई है। उन्हें बख्सा नहीं जाएगा। सीएम ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्यप्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है। यह दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
Khargone Ram Navami Violence : शिवराज का बुलडोजर दंगाईयों आफत बनकर टूटा,कईयों की नौकरी भी छिनी pic.twitter.com/AvqhHRvCcq
— santosh singh (@SantoshGaharwar) April 11, 2022
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एक वरिष्ठ अफसर ने मीडिया को जानकारी दी है कि दंगाइयों के अवैध निर्माण को तोड़ा गया है। कुछ कर्मचारियों के शामिल होने का भी पता चला है, जिन्हें अभी सेवा से निकाल दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार दंगे में शामिल 4 शासकीय कर्मचारियों में से 3 की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। वहीं एक शासकीय कर्मचारी को सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई है। दंगाई की पहचान कर उनके घर बुलडोजर से ढहा दिये गये हैं।
इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा ने बताया कि सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। जिसके तहत यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में शामिल चार शासकीयकर्मियों में से तीन की सेवा समाप्त कर दी गई है। वही एक को सस्पेंड किया गया है।
खरगोन शहर में रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाएं हुईं। खरगोन के जिलाधिकारी अनुग्रह पी ने कहा कि पूरे खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सीएम ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई इन्हीं से की जाएगी।
खरगोन के डीआईजी तिलक सिंह ने कहा है कि रविवार को रामनवमी जुलूस पर पथराव के बाद हमने 60-70 लोगों को हिरासत में लिया है। कुछ घर और गाड़ियों को भी दंगाइयों ने जला दिया था। एसपी को भी पांव में गोली लगी है। उनकी हालत अभी स्थिर है।
खरगोन मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने एक कमिटी बनाई बनाई है। इसमें पांच लोग हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ के निर्देश पर सज्जन सिंह वर्मा को अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही कमेटी में पूर्व मंत्री मुकेश नायक, पूर्व मंत्री बाला बच्चन, पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शेख अलीम हैं।