लखनऊ। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर लगी पाबंदी को हटा दिया है। 1966 से लगी पाबंदी को हटाते हुए केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग ने यह फैसला लिया है। सरकार के इस फैसल के बाद अब सियासी सरगमी बढ़ गयी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि ये देश हित में नहीं है।
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर लिखा कि, सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे, राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय, ताकि सरकारी नीतियों व इनके अहंकारी रवैयों आदि को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो।
उन्होंने आगे लिखा कि, सरकारी कर्मचारियों को संविधान व कानून के दायरे में रहकर निष्पक्षता के साथ जनहित व जनकल्याण में कार्य करना जरूरी होता है जबकि कई बार प्रतिबन्धित रहे आरएसएस की गतिविधियां काफी राजनीतिक ही नहीं बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। ऐसे में यह निर्णय अनुचित, तुरन्त वापस हो।