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‘मेरा गांव कोरोना मुक्त गांव’ के दृष्टि से टीमवर्क से काम करें अधिकारी : सीएम योगी

By संतोष सिंह 
Updated Date

झांसी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोविड-19 के नियंत्रण के लिए किये जा रहे प्रभावी प्रयासों से मिल रहे परिणामों पर खुशी तो जतायी है, लेकिन साथ ही यह भी साफ किया कि खतरा अभी टल नहीं है। ऐसे में किसी भी स्तर पर पर लापरवाही न बरती जाएं।

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मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों, नोडल व स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ शुक्रवार को कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए किये जा रहे प्रभावी प्रयासों के आशाजनक परिणाम मिल रहे हैं लेकिन अन्य राज्यों में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति के दृष्टिगत यह खतरा अभी टला नहीं है। हमें यह याद रखना चाहिए कि उत्तर प्रदेश कई राज्यों तथा नेपाल राष्ट्र की सीमा से जुड़ा है। ऐसे में, किसी भी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता न बरती जाए।

टीम वर्क के माध्यम से कोरोना प्रबन्धन के बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में आज 20 मई को कुल 1,16,434 एक्टिव केस ही हैं। यदि 30 अप्रैल के 3 लाख 10 हजार 783 एक्टिव केस की पीक को देखें तो मात्र 20 दिनों में एक्टिव केस में 62.5 फीसदी की कमी आई है। वर्तमान में रिकवरी दर 91.8 फीसदी हो गई है। कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण में जिला प्रशासन के अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, निगरानी समितियों, आरआरटी और स्वच्छताकर्मियों की सर्वाधिक भूमिका है। उनका योगदान सराहनीय है।

इसे और प्रभावी बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। उन्हें कोरोना संक्रमित मरीजों तथा मेडिकल किट के सम्बन्ध में सूची प्रदान की जाए, जिससे वे फीडबैक ले सकें। यह सूची इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के पास भी उपलब्ध रहे। निगरानी समितियां स्क्रीनिंग के कार्य को प्रभावी ढंग से करते हुए कोविड संक्रमित तथा लक्षणयुक्त मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। संदिग्ध व लक्षणयुक्त संक्रमितों की टेस्टिंग शीघ्रता से हो। आरआरटी, इन संक्रमित व्यक्तियों के सम्बन्ध में उनकी स्थिति के अनुसार होम आइसोलेशन, क्वारण्टीन तथा अस्पताल में भर्ती की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।

सभी जनपदों में वेंटिलेटर्स तथा ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराये गये हैं। ये उपकरण क्रियाशील रहें। उन्होंने नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि इनकी क्रियाशीलता तथा इनके उपयोग के सम्बन्ध में रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाए। सभी सीएचसी, पीएचसी तथा हेल्थ वेलनेस सेण्टर प्रभावी रूप से क्रियाशील किये जाएं। वहां पर स्वच्छता व साफ-सफाई के कार्य सहित डॉक्टर्स, पैरामेडिक्स, दवाओं आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। गांवों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। स्वच्छता समितियों का गठन हो। ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ के दृष्टिगत टीम वर्क के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्षा के कारण जल जमाव की शिकायतें न मिलें। जल जमाव को रोके जाने के प्रबन्ध किये जाएं।
सभी जनपदों के लिए ऑक्सीजन प्लाण्ट्स की स्थापना के लिए स्वीकृति दी गयी है।

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यह ऑक्सीजन प्लाण्ट्स केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा अन्य संगठनों व सीएसआर के माध्यम से स्थापित किये जा रहे हैं। यदि कहीं इनके सम्बन्ध में अतिरिक्त आवश्यकता है तो उसका प्रस्ताव शीघ्र मुख्य सचिव को प्रेषित किया जाए। विशेषज्ञों के आकंलन के दृष्टिगत सभी जिलों को हर तरह की चुनौती के लिए तैयार रहना होगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) वॉर्ड तैयार किया जाए। जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता से पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि पीकू के निर्माण का काम प्रभावी ढंग से शीघ्रता के साथ प्रत्येक जनपद में की जाए। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा पिछले तीन-चार वर्षों से कार्य भी किया गया है। पोस्ट कोविड वॉर्ड की भी स्थापना कर मरीजों का इलाज सुनिश्चित किया जाए।

एग्रेसिव टेस्टिंग में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टेस्टिंग करने वाला राज्य है। हमें टेस्टिंग और तेज करनी होगी। सभी जिलों में निगरानी समितियों और रैपिड रिस्पॉन्स टीम की सतत मॉनीटरिंग की जाए। गांवों में कोरोना की रोकथाम में इन समितियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारे गांव अभी काफी हद तक संक्रमण से सुरक्षित हैं। सभी जिलों में आरआरटी की संख्या बढा़ये जाने की कार्यवाही की जाए। आंशिक कोरोना कफ्र्यू में सभी आवश्यक सेवाएं, निर्माण कार्य एवं औद्योगिक गतिविधियां संचालित हैं। औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्पडेस्क तथा कोविड केयर सेण्टर अनिवार्य रूप से स्थापित हों। कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरूरतमन्दों को भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। नॉन-कोविड मरीजों के उपचार की व्यवस्था के लिए डेडिकेटेड अस्पताल क्रियाशील रहें। महिलाओं और बच्चों के लिए भी डेडिकेटेड अस्पताल संचालित रहें। प्रत्येक जनपद में डायलिसिस की सुविधा मरीजों को उपलब्ध रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच और इलाज के सम्बन्ध में प्राइवेट लैब व निजी अस्पतालों द्वारा मनमानी और ओवर चार्जिंग की स्थिति में उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सभी कोविड सम्बन्धी जांच व उपचार के लिए रेट निर्धारित हैं। रेट लिस्ट चयनित स्थानों का चस्पा किए जाने के निर्देश दिये। कोरोना वॉरियर्स का मनोबल बढ़ाया जाए। ड्यूटी के दौरान उनकी मृत्यु की स्थिति में उनके परिजनों को मुआवजा दिलाने की कार्यवाही शीघ्रता से सुनिश्चित की जाए। इसी प्रकार पंचायत चुनावों के दौरान भी कोविड संक्रमित कर्मियों के सम्बन्ध में भी स्पष्ट स्थिति रखी जाए। उन्होंने कहा कि 25 अप्रैल के बाद से प्रतिदिन एक लाख कोविड केस होने की आशंका व्यक्त की गयी थी, जिसे सामूहिक प्रयासों से नियंत्रित कर लिया गया है। कई जनपदों में प्रभारी अधिकारियों ने भी अच्छा कार्य किया है।

कोरोना प्रोटोकॉल तथा आंशिक कोरोना कर्फ्यू का पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जाए। कहीं पर भी भीड़ एकत्रित न हो। मास्क की अनिवार्यता तथा सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूकता उत्पन्न करते हुए इन्हें सुनिश्चित किया जाए। इस सम्बन्ध में पब्लिक एड्रेस सिस्टम निरन्तर प्रभावी रहे। सब्जी व फल मण्डियों में भीड़ की स्थिति न रहे। कोविड प्रोटोकाॅल का पालन सुनिश्चित किया जाए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आज से खाद्यान्न वितरण प्रारम्भ हो चुका है ,इसकी मॉनीटरिंग की जाए। राशन कार्ड न होने की स्थिति में भी जरूरतमन्दों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। इस योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न वितरण के लिए राशन की दुकानों पर एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन का वृहद अभियान सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। वैक्सीन का जीरो वेस्टेज सुनिश्चित किया जाए। कॉल सेण्टर के माध्यम से जितने लोगों को वैक्सीन की डोज उपलब्ध करायी जानी है, उतने ही लोगों को बुलाया जाए। भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार वैक्सीनेशन का कार्य संचालित किया जाए। कोल्ड चेन को बनाये रखते हुए वैक्सीनेशन का कार्य किया जाए।

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वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाने के कार्य किये जाएं। सभी कॉमन सर्विस सेण्टर्स क्रियाशील रहें। इनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन सम्बन्धी कार्य किये जाएं। निरक्षर, दिव्यांग, निराश्रित, श्रमिक अथवा अन्य जरूरतमंद लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर टीकाकरण पंजीयन की सुविधा प्रदान कराई गई है। यह कार्य प्रारंभ हो गया है। कॉमन सर्विस सेंटर पर वैक्सीन पंजीयन निःशुल्क है।

उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन कोविड संक्रमण के विरुद्ध एक प्रभावी उपाय है। इससे महामारी के नियंत्रण में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कुछ जनपदों के नोडल अधिकारी एवं उच्च अधिकारियों से संवाद किया और उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जा रही है। इन्हें जरूरतमन्द मरीजों को उपलब्ध कराया जाए। एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो़ आर के धीमन ने ब्लैक फंगस के कारण, बचाव व उपचार के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने जनपद में कोविड-19 के नियंत्रण हेतु किए जा रहे कार्यों की

जानकारी देते हुए बताया कि आपसी सामंजस्य और टीम वर्क के कारण झांसी में संक्रमण को रोकने में सफलता प्राप्त हुई है, इसके साथ ही साथ उन्होंने जनपद में वैक्सीनेशन की प्रगति तथा तहसील स्तर पर सामुदायिक रसोई की जानकारी दी। उन्होंने कोविड-19 की तीसरी वेव्स के दृष्टिगत मेडिकल कॉलेज सहित प्राइवेट नर्सिंग होम में गर्भवती महिलाओं और 0 से 5 वर्ष के बच्चों के इलाज की समुचित व्यवस्था के संबंध में भी जानकारी दी। एनआईसी झांसी में मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा, डीआईजी जोगेंद्र सिंह, जिलाधिकारी आंद्रा वामसी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय, नोडल अधिकारी शिव प्रताप, मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, नगर आयुक्त अवनीश कुमार राय,एडी हेल्थ डॉक्टर अल्पना बरतारिया, डॉक्टर सुधीर कुलश्रेष्ठ, डॉक्टर एनके जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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