लखनऊ। योगी सरकार में कार्यवाहक सरकार की मंत्री स्वाति सिंह ने पति नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक दयाशंकर सिंह (Daya Shankar Singh) से तलाक के लिए अर्जी दी है। बता दें कि इससे पहले 2018 में फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों के अदालत नहीं पहुंचने पर केस बंद कर दिया था। बता दें कि यूपी योगी सरकार की दोबारा ताजापोशी से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक दयाशंकर सिंह को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश की कार्यवाहक सरकार की मंत्री स्वाति सिंह ने पति दयाशंकर सिंह से तलाक के केस को दोबारा शुरू करने के लिए फैमिली कोर्ट में एप्लीकेशन दी है।
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एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट श्रुति श्रीवास्तव ने आर्डर रिजर्व किया
सोमवार को स्वाति सिंह ने फैमिली कोर्ट की एडिशनल प्रिंसिपल जज की कोर्ट में केस दोबारा शुरू करने की अर्जी दी है। इस अर्जी पर एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट श्रुति श्रीवास्तव ने आर्डर रिजर्व किया है। स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह हाल ही में बलिया सदर विधानसभा सीट से चुनाव में जीते हैं। स्वाति सिंह का सरोजनीनगर से टिकट काटकर राजेश्वर सिंह को बीजेपी ने मैदान में उतारा था। यूपी की सियासत में एक हाउस वाइफ से विधायक और योगी सरकार में मंत्री बनने तक का सफर तय करने वाली स्वाति सिंह का बीजेपी ने टिकट काट दिया था।
बता दें कि स्वाति सिंह की राजनीति में एंट्री बड़ी नाटकीय ढंग से हुई थी। स्वाति सिंह के पति और बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी किया था। इसके बाद बीजेपी बैकफुट पर आ गई थी और दयाशंकर सिंह को पार्टी से बाहर निकाल दिया था।
स्वाति सिंह अब किसी सदन का सदस्य नहीं हैं, ऐसे में नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद उनकी छुट्टी तय है
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इसी दौरान नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित बसपा नेताओं ने दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी। बस यहीं से स्वाति सिंह ने मायावती और बसपा नेताओं के खिलाफ जो मोर्चा खोला दिया। उसको देखते हुए बीजेपी ने स्वाति सिंह की फायरब्रांड इमेज को देखते हुए उन्हें सीधे प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया। इसके साथ ही बीजेपी ने स्वाति सिंह को सरोजनीनगर सीट से प्रत्याशी बनाया था। स्वाति सिंह ने यह चुनाव बड़े अंतर से जीता था। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें मंत्री बना दिया था, लेकिन 2022 के चुनाव में स्वाति सिंह का टिकट बीजेपी ने काट दिया। बीजेपी के इस फैसले के बाद स्वाति सिंह अब किसी सदन का सदस्य नहीं हैं, ऐसे में नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद उनकी छुट्टी तय मानी जा रही है।
स्वाति सिंह और दयाशंकर ने दाखिल की थी तलाक की अर्जी
दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के बीच मनमुटाव की खबरें 2017 में ही आने लगी थी, लेकिन स्वाति सिंह के मंत्री बनने के बाद यह मामला शांत हो गया था। स्वाति सिंह ने पहले भी तलाक की अर्जी दाखिल की थी, लेकिन 2018 में दोनों पक्षों के अदालत नहीं पहुंचने पर केस बंद हो गया था। अब एक बार फिर केस शुरू होने की अर्जी दाखिल की गई है।