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Mission Gaganyaan : इसरो चीफ ने किया खुलासा, बताया गगनयान मिशन पर जाएगी महिला पायलट! जानें इसकी वजह

By संतोष सिंह 
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तिरुवनंतपुरम। इसरो (ISRO) चीफ एस. सोमनाथ (S. Somnath) ने कहा कि स्पेस एजेंसी अपने महत्वाकांक्षी ‘गगनयान’ मिशन के लिए लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला पायलटों या महिला वैज्ञानिकों को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में उन्हें भेजना संभव होगा। एस. सोमनाथ ने कहा कि इसरो अगले साल अपने मानव रहित गगनयान अंतरिक्ष यान (Gaganyaan Spacecraft) में एक महिला ह्यूमनॉइड (एक रोबोट जो मानव जैसा दिखता है) भेजेगा। उन्होंने कहा कि इसरो (ISRO)  का लक्ष्य तीन दिन के गगनयान मिशन (Mission Gaganyaan) के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है।

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सोमनाथ ने पीटीआई को बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन हमें भविष्य में ऐसी संभावित (महिला) उम्मीदवारों का पता लगाना होगा। भारत ने शनिवार को अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में पहली मानव रहित परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली। इससे पहले, परीक्षण को प्रतिकूल परिस्थिति के चलते प्रक्षेपण से महज चार सेकंड पहले रोक दिया गया, लेकिन इसके दो घंटे से कम समय बाद इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया।

सोमनाथ ने कहा कि मानवयुक्त मिशन 2025 (Manned Mission 2025) तक आने की उम्मीद है और यह एक छोटी अवधि का मिशन होगा। उन्होंने कहा कि अभी, शुरुआती उम्मीदवार वायुसेना के लड़ाकू विमानों के पायलटों में से होंगे। वे थोड़ी अलग श्रेणी के हैं। हमारे पास अभी महिला पायलट नहीं है। इसलिए जब वे आ जाएंगी तो एक तरीका यह भी होगा। उन्होंने कहा कि दूसरा विकल्प है जब अधिक वैज्ञानिक गतिविधियां होंगी। फिर वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्री बनकर आएंगे। तो उस वक्त मेरा मानना है कि महिलाओं के लिए ज्यादा संभावनाएं हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसरो का लक्ष्य 2035 तक पूरी तरह से परिचालन वाला अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना है। इसरो के अनुसार, मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान (Human Space Flight Mission Gaganyaan)  से पहले टीवी-डी1 परीक्षण यान को शनिवार सुबह 10 बजे सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। क्रू मॉड्यूल रॉकेट (Crew Module Rocket) से अलग हो गया और योजना के अनुसार बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में गिर गया।

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