गाजीपुर। गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और भाई अफजाल अंसारी पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल और भाई अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई है। मुख्तार पर पांच और अफजाल अंसारी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। चार साल की सजा होने के बाद अफजाल अंसारी की संसद की सदस्यता भी खत्म होनी तय हैं।
पढ़ें :- UP Cabinet Meeting: सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक, पास हुए ये अहम प्रस्ताव
कोर्ट के इस फैसले के बाद 18 साल पुरानी घटना फिर से ताजा हो गयी। ये घटना 2005 की है, जब भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गयी थी। इस वारदात में 400 से ज्यादा राउंड फायरिंग की गयी थी। इसमें एके-47 से फायरिंग की थी। सातों लोगों का शव पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू लाया जाने लगा तो भाजपा विधायक के समर्थक उग्र हो गए थे। इस घटना ने पूर्वांचल के साथ पूरे यूपी में दहशत मचा दी थी।
इस घटना के बाद आरोप माफिया मुख्तार अंसारी समेत अन्य पर लगा था। हालांकि जब यह हत्याकांड हुआ उस समय मुख्तार अंसारी जेल में था। वहीं, गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को दस साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगया है। इसके साथ ही अफजाल अंसारी को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना लगाया है। दोनों के खिलाफ गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मोहम्दाबाद थानों से बनाए गए आपराधिक मुकदमों से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित हैं। इन मामलों में में बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा का अपहरण कांड भी है।