NASA : उल्का पिंड (Meteorite) पृथ्वी से टकरा कर जीवन खत्म कर सकते हैं। वैज्ञानिकों को यह चिंता हमेशा रही है। इस खतरे से निपटने के लिए नासा (NAS) Aका अंतरिक्ष यान डार्ट (Dart) धरती से 68 लाख किमी दूर एक उल्का पिंड डिमोर्फोस (Meteorite Dimorphos) से टकराने जा रहा है।
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यह पिंड 525 फुट की डाइडिमोस नामक चट्टानी उल्का की परिक्रमा करता है। टकराव से उल्काओं का मार्ग बदलने की उम्मीद है। इसीलिए इसे डबल एस्ट्रॉयड री-डायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Re-Direction Test) डार्ट नाम मिला है। यह टक्कर इंटरनेट पर लाइव देखी जा सकेगी। टक्कर भारतीय समयानुसार 27 सितंबर को सुबह 4:44 बजे होगी। इस दौरान यान की गति 22,500 किमी प्रति घंटा होगी।
क्यों पड़ी इस परीक्षण की जरूरत?
दोनों उल्काएं वैसे तो पृथ्वी के लिए खतरा नहीं है। फिर भी परखा जा रहा है कि भविष्य में कोई उल्का अगर सच में पृथ्वी की ओर आई तो क्या हम उसका मार्ग बदल सकते हैं? इसे ‘पृथ्वी की सुरक्षा का परीक्षण’ (Earth Protection Test) मिशन कहा जा रहा है।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि टक्कर से उल्काओं का मार्ग बदलेगा। दोनों उल्काओं के पथ पर वैज्ञानिकों की नजर लंबे समय से है। टक्कर के बाद बदलाव का पता दूरबीनों से लगाया जाएगा।
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2,500 करोड़ रुपये का डार्ट, उपग्रह भी साथ
24 नवंबर 2021 में धरती से प्रक्षेपित डार्ट पर 2,500 करोड़ खर्च।
ड्रेको उल्का (Draco Meteor) इस टक्कर के हर सेकंड की तस्वीरें लेने में मदद करेगा।
एक छोटा उपग्रह ‘लाइट इटैलियन क्यूबसैट’ (Light Italian CubeSat) भी भेजा गया है, जो टकराव से पहले यान से अलग होकर पूरी घटना का गवाह बनेगा।
इससे टकराव की 3 मिनट बाद तक की बेहद साफ तस्वीरें ली जाएंगी।