नई दिल्ली। इन्फ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा) और विकास संबंधित कार्यों के लिए एक नया राष्ट्रीय बैंक की स्थापना की जाएगी। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए कैबिनेट में इसका फैसला लिया गया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी है।
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उन्होंने कहा कि बजट के दौरान हमने इस बात का उल्लेख किया था कि हम बुनियादी ढांचे और विकास संबंधी गतिविधियों के लिए एक राष्ट्रीय बैंक का गठन करेंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (डीएफआई) या विकास वित्त संस्थान के गठन की अनुमति दे दी है।
उन्होंने कहा कि डीएफआई की स्थापना के लिए विकास और वित्तीय उद्देश्य दोनों महत्वपूर्ण होंगे और मायने रखेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि डीएफआई लंबी अवधि के लिए फंड जुटाने में मदद करेगा, जिसमें बजट 2021 से प्रारंभिक रकम उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस साल करीब 20 हजार करोड़ रुपये का कैपिटल इन्फ्यूजन (पूंजी जोड़ना) होगा, इसमें प्रारंभिक अनुदान पांच हजार करोड़ रुपये का होगा। इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि अनुदान की अतिरिक्त वृद्धि पांच हजार करोड़ रुपये की सीमा के भीतर की जाएगी।