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NIPAH Virus : केरल में निपाह वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर हुई छह, जानिए कैसे फैलता है और इसके बचाव के लिए क्या करें?

By संतोष सिंह 
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NIPAH Virus : केरल (Kerala) में शुक्रवार तक निपाह वायरस (NIPAH Virus) संक्रमितों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोझिकोड जिले (Kozhikode District) में 39 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों (Health Experts) ने राज्य में बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर लोगों को अलर्ट किया है। इसके साथ ही बचाव के लिए प्रयास करते रहने की सलाह दी है।

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (State Health Minister Veena George) ने बताया कि 39 वर्षीय व्यक्ति का सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव (Sample Report Positive) आने के बाद उसमें निपाह वायरस (NIPAH Virus) की पुष्टि हुई है। राज्य में देखा जा रहा वायरस का स्ट्रेन बांग्लादेश का है, जिसे अध्ययनों में अधिक मृत्युदर वाला पाया गया है।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में राज्य में तेजी से संक्रमण के मामले बढ़े हैं। संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को भी खास निगरानी में रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 706 लोग संक्रमितों के कॉन्टैक्ट लिस्ट वाले हैं, जिनमें से 77 लोगों में उच्च जोखिम है। जोखिम वाले 153 लोग स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। स्वास्थ्य मंत्री वीना (Health Minister Veena) ने कहा कि उच्च जोखिम श्रेणी वाले किसी में भी फिलहाल लक्षण नहीं दिख रहे हैं, हालांकि उनपर गंभीरता से नजर रखी जा रही है।

राज्य में पहुंची केंद्र की टीम 

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केरल में बढ़ते निपाह के खतरे को देखते हुए आसपास के राज्यों को भी अलर्ट किया गया है। राज्य में स्थिति को देखते हुए केंद्र से अधिकारियों की टीम गुरुवार सुबह कोझिकोड पहुंची और राज्य के अधिकारियों के साथ बातचीत की। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे (National Institute of Virology, Pune) ने संदिग्ध संक्रमितों के सैंपल का परीक्षण करने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कोझिकोड (Government Medical College Hospital, Kozhikode)  में एक मोबाइल परीक्षण प्रयोगशाला (Mobile Testing Laboratory) स्थापित की है।

स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के लोगों का कहना है कि संक्रमण के जोखिमों के देखते हुए सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है, ये वायरस अत्यधिक घातक हो सकता है।

केरल 2018 के बाद से चौथी बार  जूझ रहा है निपाह वायरस के प्रकोप से

केरल में चमगादड़ों (Bat) और फलों के पेड़ों से सैंपल इकट्ठा करने की मुहिम विशेषज्ञों ने तेज कर दी है। बता दें कि केरल 2018 के बाद से चौथी बार ऐसे वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। यह संक्रमित चमगादड़ों (Bat) , सुअरों या संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क से फैलता है, इसकी मृत्युदर 75 फीसदी तक हो सकती है, जो गंभीर चिंता का विषय है।  इस घातक संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Health Experts)  किन उपायों का पालन करते रहने की सलाह देते हैं?

कैसे करें इस गंभीर रोग से बचाव?

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स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को इस गंभीर संक्रमण के जोखिमों को लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है। कुछ उपायों का पालन करके संक्रमण से बचाव किया जा सकता है।

चमगादड़ (Bat) से मनुष्यों में संचरण का जोखिम अधिक होता है, ऐसे में उन स्थानों पर जाने से बचें जहां पर चमगादड़ (Bat)  अधिक हों।

बीमार जानवरों या संक्रमितों के निकट संपर्क से बचाव के लिए प्रयास करते रहें। ऐसे लोगों के निकट संपर्क से पहले दस्ताने और अन्य सुरक्षात्मक कपड़े पहनने चाहिए।

निपाह वायरस (NIPAH Virus) से संक्रमण वाले रोगियों के साथ निकट शारीरिक संपर्क से बचना चाहिए।

गुड हाइजीन (Good Hygiene) के उपायों का पालन करके इस रोग के संक्रमण के जोखिमों को कम किया जा सकता है।

 

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