Nirjala Ekadashi 2023 Date : सनातन धर्म में देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भक्त गण कठिन तपस्या करते है। कठिन तप में बिना जल का सेवन किए पूरे दिन भगवान आराधना करना निर्जला कहलता है। भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए एकादशी का व्रत किया जाता है। मान्यता के अनुसार, निर्जला एकादशी के व्रत का पालन करने से मोक्ष् की प्राप्ति होती है। बता दें कि, पूरे साल में कुल 24 और अधिकमास होने पर 26 एकादशी पड़ती है।
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निर्जला एकादशी 31 मई, 2023, बुधवार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि आरंभ: मंगलवार, 30 मई दोपहर 01.07 बजे से ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समापन बुधवार, 31 मई दोपहर 01ः45 बजे पर, निर्जला एकादशी पारण मुहूर्तः गुरुवार एक जून सुबह 05.24 से 08.10 बजे तक है।
प्यासे लोगों को पानी पिलाएं
निर्जला एकादशी व्रत के दौरान आत्म संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन दान-पुण्य का भी बहुत महत्व होता है। व्रत वाले दिन जल से भरा हुआ कलश दान करें और प्यासे लोगों को पानी पिलाएं।
पशु-पक्षियों के लिए पानी और दाना
निर्जला एकादशी वाले दिन अपने घर की छत या खुले में किसी पेड़ के नीचे पशु-पक्षियों के लिए पानी और दाना की व्यवस्था जरूर करें। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होगी।
झाड़ू न लगाएं
निर्जला एकादशी वाले दिन घर में झाड़ू न लगाएं। ऐसा करने से छोटे जीव जैसे कीट, पतंग, चींटी आदि मर सकते हैं, इससे जीव हत्या का दोष लग सकता है।