नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Nobel Prize Winning Economist Amartya Sen)ने ‘बंग विभूषण सम्मान’ (Banga Vibhushan Award) को लेने से इनकार कर दिया है। बता दें कि यह विशेष सम्मान पश्चिम बंगाल सरकार (Government of West Bengal) की ओर से हर वर्ष दिया जाता है। बताया जा रहा है कि सेन ने राज्य सरकार के अधिकारियों को जुलाई के पहले हफ्ते में ही सूचना पहुंचा दी थी कि पुरस्कार वितरण समारोह के समय वह भारत में नहीं होंगे।
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बंगाल सरकार (Government of West Bengal) ने ये पुरस्कार सोमवार को कोलकाता में दिए जाने वाले हैं। सेन के परिवार की एक सदस्य ने बताया कि वह इस समय यूरोप में हैं। सेन की बेटी अंतरा देव सेन ने कहा कि उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं। वह चाहते हैं कि बंग विभूषण सम्मान (Government of West Bengal) दूसरों को दिया जाए।
पुरस्कार न लेने की वाम मोर्चा ने की थी अपील
इससे पहले वाम मोर्चा ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन (Nobel Prize Winning Economist Amartya Sen) और अभिजीत विनायक सेन सहित अन्य बुद्धिजीवियों से पुरस्कार न लेने की अपील की थी। विपक्षी दल ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और राज्य सरकार को भ्रष्ट करार दिया था।
बंगाल सरकार की ओर से बंग विभूषण पुरस्कार के लिए अमर्त्य सेन को नामित किया गया था और शनिवार को उनके नाम की घोषणा की गई। मालूम हो कि बंग विभूषण सम्मान (Banga Vibhushan Award) पश्चिम बंगाल सरकार (Government of West Bengal) की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में सेवाओं का सम्मान करने के लिए दिया जाता है।
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इन्हें आज दिया जाएगा सम्मान
कोलकाता के तीन प्रमुख फुटबॉल क्लबों ईस्ट बंगाल, मोहन बागान और मोहम्मडन के प्रमुखों को बंग विभूषण सम्मान (Government of West Bengal) दिया जाएगा। साथ ही अभिजीत विनायक बंद्योपाध्याय को सम्मानित किया जाएगा। इनके अलावा एसएसकेएम अस्पताल को यह सम्मान दिया जाना है। यह पहली बार है जब किसी संस्थान को सम्मानित किया जा रहा है। मालूम हो कि तक अमला शंकर, महाश्वेता देवी, संध्या मुखर्जी, सुप्रिया देवी और मन्ना दे जैसी हस्तियों को यह सम्मान मिल चुका है।