Nobel Prize 2023 : ईरानी महिला (Iranian Woman) नर्गेस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) को 2023 का नोबेल का शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2023) देने का ऐलान किया गया है। 2023 का नोबल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2023) जेल में बंद ईरान की एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) को मिला है। नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) ने ईरान में महिलाओं के दमन के ख़िलाफ़ ख़ूब लड़ाई लड़ी है।
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The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2023 #NobelPeacePrize to Narges Mohammadi for her fight against the oppression of women in Iran and her fight to promote human rights and freedom for all.#NobelPrize pic.twitter.com/2fyzoYkHyf— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 6, 2023
नर्गेस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) ने ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ने और सभी के लिए मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की उनकी मुहिम की वजह से उन्हें इस बार नोबल का शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2023) उन सैकड़ों-हजारों लोगों को भी पहचान देता है, जिन्होंने महिलाओं को निशाना बनाने वाली भेदभाव और धार्मिक शासन की उत्पीड़क नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है। ईरान में महिलाओं के हक के लिए लड़ने वाली नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2023) दिया गया है। वह 19वीं महिला हैं, जिन्हें यह पुरस्कार मिला है। बता दें, फिलहाल वे जेल में बंद हैं।
नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) ने मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार 2023 जीता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार 2023 (Nobel Peace Prize 2023) उन सैकड़ों-हजारों लोगों को भी पहचान देता है, जिन्होंने महिलाओं को निशाना बनाने वाली भेदभाव और धार्मिक शासन की उत्पीड़क नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है।
नोबेल समिति का कहना है कि नरगिस ने महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए कई बार आवाज उठाई है। वो 13 बार गिरफ्तार हो चुकी हैं। समिति ने शांति पुरस्कार (Peace Prize 2023) की घोषणा ईरान की महिलाओं के नारे जन- जिंदगी-आजादी के साथ की। 51 साल की नरगिस अब भी ईरान की एवान जेल में कैद हैं। उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है। ईरान ने उनको सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) को जब शांति का पुरस्कार दिया जा रहा है, उस समय भी वह अभी जेल में हैं। ईरान में सितंबर 2022 में एक युवा कुर्दिश महिला महसा जिना अमीनी की ईरान की पुलिस की हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद पूरे ईरान में जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। लोगों ने ईरान की सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था।
उन्होंने महिलाओं को स्वतंत्रता देने की मांग की। इस प्रदर्शन में लाखों की तादाद में ईरानी लोगों ने हिस्सा लिया था। इस पूरे प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं की आजादी का समर्थन किया और नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) के अभियान को अपना पूरा समर्थन दिया। नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) पर ईरानी पुलिस ने ईरान सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने का भी आरोप लगाया है।
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वह डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट सेंटर की उप प्रमुख हैं। यह एक गैर सरकारी संगठन है जिसे शिरिन एबादी ने बनाया था। शिरिन को भी साल 2003 में नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2023) मिल चुका है।