नई दिल्ली। नोबेल फाउंडेशन (Nobel Foundation) ने कड़े विरोध के बाद रूस (Russia) , बेलारूस और ईरान (Belarus and Iran) को भेजा गया निमंत्रण वापस ले लिया है। बता दें कि नोबेल फाउंडेशन (Nobel Foundation) ने अन्य देशों की तरह इन तीनों देशों को भी इस साल के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। फाउंडेशन ने कहा कि स्वीडन में हो रहे कड़े विरोध के कारण निमंत्रण को वापस लेने का फैसला किया गया है।
पढ़ें :- यूपी उपचुनाव : चुनाव आयोग, बोला- पुलिस का काम मतदाता का पर्दा हटाना या पहचान पत्र देखना नहीं, शांति व्यवस्था कायम करना है
यूक्रेन सहित कई लोगों ने किया विरोध
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नोबेल फाउंडेशन (Nobel Foundation) ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि रूस (Russia) , बेलारूस और ईरान (Belarus and Iran) के राजदूतों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। फाउंडेशन का कहना है कि जो देश नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के मूल्यों को साझा नहीं करते, हम उन्हें समारोह में शामिल नहीं कर सकते। सबसे पहले यूक्रेन ने तीनों देशों को आमंत्रित करने का विरोध किया था। वहीं, यूरोपीय संसद (European Parliament) के एक स्वीडिश सदस्य ने भी इस फैसले का विरोध किया और इसे अनुचित बताया।
नोबेल फाउंडेशन (Nobel Foundation) ने बयान में कहा कि यह निर्णय इस आधार पर लिया गया कि नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) जिन मूल्यों और संदेशों को बढ़ावा देता है, उसे हासिल करना महत्वपूर्ण और जरूरी है। जैसा कि पिछले साल रूस (Russia) और बेलारूस (Belarus) के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ यूक्रेन के लोगों को शांति पुरस्कार दिया गया, जो रूसी युद्ध अपराधों के खिलाफ काम करते हैं। स्वीडिश प्रधानमंत्री और यूक्रेन के अधिकारियों ने फाउंडेशन के इस कदम का स्वागत किया है।