Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. यूपी में कोविड-19 से बचाव व व्यवस्था के लिए योगी सरकार ने नामित किए नोडल अधिकारी

यूपी में कोविड-19 से बचाव व व्यवस्था के लिए योगी सरकार ने नामित किए नोडल अधिकारी

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को कंट्रोल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसके ​तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कोविड-19 से बचाव व व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी नामित किए हैं। इस बारे में प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने शनिवार को आदेश जारी कर दिया है। एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के 59 अफसरों को 75 ज़िलों का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

पढ़ें :- Jaipur LPG Tanker Blast : रिटायर्ड IAS करणी सिंह की मौत की पुष्टि, डीएनए रिपोर्ट हुई पहचान

प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से प्रभावित मरीजों के उपचार, इसके संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए विभिन्न जनपदों में नोडल अधिकारी नामित किए हैं। ये नोडल अधिकारी आवंटित जनपदों में प्रत्येक दशा में 15 को पहुंचकर उसकी सूचना नियुक्ति विभाग व मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध करायेंगे। नामित वरिष्ठ नोडल अधिकारी द्वारा आगामी एक सप्ताह तक संबंधित जनपद में प्रवास कर कोविड-19 की रोकथाम आदि हेतु ये कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।

इसके तहत कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का जनपद स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करवाना। इसमें जिला प्रशासन का मार्गदर्शन व सहयोग करना। साथ ही कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जनपद में नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समितियों को सक्रिय बनाए रखना।

निगरानी समितियों द्वारा डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग सुनिश्चित कराना। साथ ही सुनिश्चित करना कि हर निगरानी समिति के पास पर्याप्त मेडिकल किट उपलब्ध हो। हर लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध व्यक्ति को निगरानी समिति द्वारा मेडिकल किट उपलब्ध करवाना। निगरानी समिति प्रतिदिन उन लोगों के नाम तथा फोन नंबर सेक्टर अधिकारी को उसी दिन उपलब्ध करायेगी, जिन्हें मेडिकल किट प्रदान की गयी है। यह सूची तत्पश्चात जिला प्रशासन को उसी दिन उपलब्ध करायी जायेगी।

इसका सत्यापन आईसीसीसी के माध्यम से सुनिश्चित कराया जायेगा व जनप्रतिनिधियों को भी यह सूची उपलब्ध करायी जायेगी। निगरानी समिति यह सुनिश्चित करेगी कि लक्षणयुक्त व संदिग्ध व्यक्तियों के पास अलग कक्ष (टॉयलेट के साथ) की व्यवस्था हो। जिन व्यक्तिों के पास यह व्यवस्था नहीं है, उनकी सूची सेक्टर अधिकारी के माध्यम से जिला प्रशासन को देना ताकि जिला प्रशासन उन्हें क्वारंटीन सेंटर ले जाने की व्यवस्था करे।

पढ़ें :- वाह रे शिक्षा विभाग ! रिक्शा चालक को फर्जी शिक्षक बताकर भेजा 51 लाख का रिकवरी नोटिस, परिवार हक्का-बक्का

आईसीसीसी द्वारा होम आइसोलेशन व क्वारंटीन सेन्टर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य की जानकारी डाक्टर्स की टीम दवारा ली जायेगी। निगरानी समिति द्वारा स्क्रीनिंग उपरांत संदिग्ध व लक्षणयुक्त व्यक्तियों का आरआर 24 घंटे में एंटीजन टेस्ट सुनिश्चित कराया जाना। जनपद के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटेशन तथा फॉगिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाना।

प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा निर्धारित दरों पर ही इलाज किया जाय तथा कोई ओवर-चार्जिंग न हो। जनपदों में गठित आरआरटी की गतिविधियों का पर्यवेक्षण किया जायेगा। जनपद के समस्त कोविड चिकित्सालयों में चिकित्सकों तथा चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, मरीजों के भोजन की व्यवस्था एवं चिकित्सालयों में स्वच्छता का पर्यवेक्षण किया जायेगा।

प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि उक्त समस्त कार्रवाईयों की रिपोर्ट प्रतिदिन मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग को ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जायेगा। साथ ही नामित वरिष्ठ नोडल अधिकारियों को जिला प्रशासन की समस्त इकाईयां, चिकित्सा विभाग के समस्त अधिकारी, पुलिस विभाग के समस्त अधिकारी इत्यादि उनके कार्य व दायित्वों के निर्वहन में पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगी। इसके साथ ही वरिष्ठ नोडल अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारियों को मागदर्शन व सहयोग प्रदान किया जायेगा।

Advertisement