Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए ट्रेन दुर्घटना में अब तक 261 लोगों की जान चली गयी है, जबकि 900 से ज्यादा लोग घायल हैं। घायलों को उपचार विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। इस रेल दुर्घटना के बाद कहा जा रहा है कि आखिरी कैसे तीन ट्रेन एक साथ हादसे का शिकार हो गईं। इस दर्दनाक दुर्घटना के बाद ‘कवच प्रणाली’ को लेकर सवाल उठने लगा है।
पढ़ें :- Train Accident : कोलकाता में सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस के चार डिब्बे पटरी से उतरे, कई यात्री घायल
कहा जा रहा है कि, क्या ‘कवच प्रणाली’ से इस हादसे को टाला जा सकता था? घटना के बाद रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि इस मार्ग पर ‘कवच’ सिस्टम मौजूद नहीं था। इस वक्त ‘कवच’ सिस्टम की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। दावा किया जाता है कि कवच से दो ट्रेनों की टक्कर को रोका जा सकता है। अब सवाल यह उठता है कि ‘कवच’ क्या है? यह कैसे काम करता है? इसकी विशेषता क्या है? क्या इसके होने पर हादसे को टाला जा सकता था? आइये समझते हैं…
‘कवच प्रणाली’ क्या है?
कवच एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जो रेलवे मंत्रालय ने 2022 में रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर विकसित किया था। कवच लोको पायलट के सिग्नल जंप पर उसे सतर्क करता है और रेल के ब्रेक का कंट्रोल ले लेता है। इसके बाद जैसे ही सिस्टम को पता चलता है कि रेलवे के ट्रैक पर दूसरी ट्रेन आ रही है तो वो पहली ट्रेन को रोक लेता है।
यह कैसे काम करता है?
कवच ट्रेनों को खतरे (लाल) पर सिग्नल पार करने और टक्कर रोकने के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए है। यदि चालक गति सीमा के अनुसार ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो यह ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय करता है। इसके अलावा, यह ऐसे दो इंजनों के बीच टक्कर को रोकता है जिनमें कवच प्रणाली काम कर रही है।