पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज:नेपाल के सब्जी कारोबारियों की हड़ताल और भारत ने नेपाल को प्याज के निर्यात पर रोक लगाई तो बढ़ी कीमत ने प्याज के लिए रूला दिया है। भारत के प्रतिबंध के बाद ‘प्याज के आंसू’ रोकने को चीन ने प्याज का निर्यात बढ़ाया है। रसुआ बार्डर के रास्ते नेपाल को प्याज भेज रहा है। इसके बाद भी कीमत में आई तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। काली माटी फ्रूट्स एंड वेजिटेबल मार्केट डवलपमेंट एसोसिएशन के मुताबिक प्याज की कीमत थोक भाव में 120 भारतीय मुद्रा रुपये किलो पहुंच गई हैं। प्याज के निर्यात पर 9 दिसंबर से भारत द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने से नेपाल में कालाबाजारी शुरू हो गई है। प्याज 100 से 120 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। मूल्य को नियंत्रित करने के लिए नेपाल सरकार द्वारा उठाए गए कदम नाकाफी साबित हो रहे हैं। फुटकर व्यापारी 150 रुपये किलो तक प्याज बेच रहे हैं। प्रतिबंध से पूर्व नेपाल में प्याज 70 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बाजार में उपलब्ध था। भारत ने बीते शनिवार से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन उससे पहले से नेपाल में प्याज का कारोबार करने वाले व्यापारियों ने प्याज का कारोबार बंद कर दिया था.जिस कारण नेपाल मे प्याज़ का अभाव हो गया और प्याज की कालाबाजारी शुरू हो गई है. उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि आयातकों द्वारा केवल सीमित दुकानों में उपलब्ध कराये जाने वाले प्याज की कीमत 70 रुपये प्रति किलोग्राम थी जो अब 180 रुपये हो गई है।
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काठमांडू के कालीमाटी बाजार विकास समिति के सूचना अधिकारी बिनय श्रेष्ठ के अनुसार ब्यापारियों के हड़ताल के कारण बाजार मे आलू प्याज़ की बहुत कमी है सबसे ज्यादा प्याज़ की कमी है,अपनी मांगों को लेकर ब्यापारियों ने आलू प्याज़ का आयात नही कर रहे है वही भारत ने भी प्याज़ के निर्यात पर रोक लगा दिया है। चाइना से प्याज का आयात किया जा रहा है जो नाकाफी है। नेपाल मे प्याज़ की कमी के कारण तस्करी बढ़ गई है,वही सीमावर्ती झेत्र के नेपाली आम उपभोक्ता भारतीय बाजारों से इस की खरीदारी कर रहे है,नेपाली रेस्ट्रोरेंट मालिको को प्याज़ की कमी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।वही इस की तस्करी बढ़ गई है
पहाड़ी इलाकों में सर्वाधिक किल्लत
नेपाल के पहाड़ी जिले गोरखा, पाल्पा, दांग, सल्यान आदि में प्याज ऊंचे दामों पर बिक रहा है। खुदरा सब्जी विक्रेता सपना थापा ने बताया कि शनिवार को 120 रुपये थोक मूल्य से प्याज खरीदा गया। फेडरेशन आफ फ्रूट्स एंड वेजिटेबल एंटर प्रेनन्योर्स के अध्यक्ष खोप धिमरे ने थोक व्यापारियों द्वारा की जा रही कालाबाजारी को अनुचित बताया है। कहा कि प्याज अभी बहुत है कारोबारी स्टॉक कर माल नही दे रहे है।
सोनौली कस्टम सुप्रिटेंड एसके पटेल ने बताया की आलू का आयात नेपाली व्यापारी नही कर रहे है. जिस कारण आलू बहुत ही कम जा रहा है। वही प्याज़ के निर्यात पर रोक लगी हुई है
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