लखनऊ: यूपी के 2022 के विधानसभा के दौरान बसपा की मुखिया मायावती ने एक बयान में कहा था कि भाजपा को सिर्फ बसपा ही हरा सकती है। उनका इशारा सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक की तरफ था जो उनसे छिटक गया है। वो उस वोट बैंक को पाने की कोशिश में जुटी हैं। लेकिन वहीं आजमगढ़ में हुए लोकसभा के उपचुनाव में भी मायावती ने जमकर तैयारी की लेकिन एक बार फिर से उनके हाथ कुछ नहीं लगा। इसके बाद मायावती ने फिर वही बयान दोहराया कि बीजेपी को सिर्फ बसपा ही हरा सकती है।
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उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत की सिलसिला 2014 से ही जारी है। वह लगातार हर चुनाव में जीत हासिल कर रही है। कोई भी पार्टी इसको रोक नही पा रही है। लेकिन वहीं बसपा की मुखिया मायावती हर बार दावा करते नजर आती है कि भाजपा को केवल बसपा ही हरा सकती हैं। मायावती बीजेपी को रोकने के लिए जिस दावे की बात कर रही हैं वो उनकी सोशल इंजीनियरिंग में छिपा हुआ है।
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो सिर्फ मुस्लिम और दलित समीकरण के सहारे बीजेपी को नहीं रोक सकती हैं। बताया जा रहा है कि अगर बीजेपी को रोकना है तो मायावती को 2007 वाले फार्मूला को लाना होगा।
साल 2007 के चुनाव में बसपा ने जो सोशल इंजीनियरिंग का गुलदस्ता बनाया था कुछ वैसा ही गुलदस्ता आज बीजेपी बना चुकी है। बसपा को सोशल इंजीनिरिंग को लेकर हर समाज के बड़े नेताओं को अपने पाले में लाना होगा।