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परकला प्रभाकर ने इंटरव्यू ने पीएम मोदी की बढ़ाई टेंशन, बोले- NDA बहुमत के आंकड़े रहेगा काफी दूर

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) के पति अर्थशास्त्री व सामाजिक टिप्पणीकार परकला प्रभाकर (Parakala Prabhakar)  ने चौथे चरण के मतदान के बाद एक द वॉयर को इंटरव्यू देते हुए कहा कि बीजेपी बहुमत खो देगी और एनडीए (NDA) भी 272 से पीछे रह जाएगा। परकला प्रभाकर (Parakala Prabhakar) ने कहा कि मुझे बीजेपी 220 के आसपास दिख रही है। परकला प्रभाकर (Parakala Prabhakar) ने दावा किया बीजेपी (BJP) उत्तर प्रदेश और कर्नाटक, दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र में सीटें खो रही है।

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परकला प्रभाकर (Parakala Prabhakar)   ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और बीजेपी सरकार पर पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आती है तो यह किसी आपदा (Disaster) से कम नहीं होगा।

प्रभाकर ने कहा कि मोदी सरकार एक बार फिर आती है तो देश में स्वतंत्र तरीके से चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी जीत जाती है तो मुझे लगता है कि अगले चुनावों में हमारे पास रूस और उत्तर कोरिया जैसे चुनाव परिणाम होंगे, जहां सत्तारूढ़ दल को 95 फीसदी वोट मिलते हैं।

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman)  के पति परकला प्रभाकर (Parakala Prabhakar) कई बार मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। इस इंटरव्यू में कहा कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल के दौरान आर्थिक संकट से लेकर सामाजिक अशांति तक, सभी पहलुओं में विफल रही है। परकला प्रभाकर (Parakala Prabhakar)  ने इस इंटरव्यू के दौरान देश को परेशान करने वाले विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला और इसके लिए सीधे तौर पर मोदी प्रशासन की नीतियों और कार्यों को जिम्मेदार ठहराया है।

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प्रभाकर ने कहा कि मोदी के शासन में, भारतीय अर्थव्यवस्था आजादी से पहले के स्तर पर पहुंच गई है। मोदी सरकार (Modi Government)  ने वादा किया था कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे ,लेकिन उन्होंने इस वादे को पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भारतीय मध्यम वर्ग मोदी के प्रदर्शन से बेहद निराश है।

भाजपा का आर्थिक मॉडल है एक भ्रम

प्रभाकर ने वर्तमान समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने की बीजेपी की रणनीति की भी जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश की जनता के बीच लगातार गौरवशाली अतीत और एक आशाजनक भविष्य की तस्वीरें खींची हैं, जो प्रभावी रूप से वर्तमान समस्याओं से ध्यान भटका रही हैं।

भाजपा के आर्थिक मॉडल का स्पष्ट मूल्यांकन करते हुए, प्रभाकर ने सरकार के आर्थिक विकास और दलितों के उत्थान के दावों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने बीजेपी पर आर्थिक सफलता की ‘झूठी कहानी’ बनाने के लिए आंकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। प्रभाकर ने सरकार के दावों की विश्वसनीयता को चुनौती देते हुए कहा कि बीजेपी अपने एजेंडे के अनुरूप संख्याओं को तोड़-मरोड़ रही है।

उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों और जमीनी हकीकत के बीच जमीन आसमान का अंतर है। प्रभाकर ने कहा कि अगर देश में गरीबी सचमुच कम हुई है, जैसा कि बीजेपी का दावा है, तो हम 83 करोड़ लोगों, यानी आबादी के इतने बड़े हिस्से, को खाद्यान्न क्यों बांट कर रहे हैं?प्रभाकर ने कहा कि भारत की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद प्रति व्यक्ति आय में कमी पर चिंता जताई। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भारतीय अर्थव्यवस्था सचमुच चमक रही है, तो प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि क्यों नहीं हो रही है?

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इलेक्टोरल बॉन्ड: दुनिया का सबसे बड़ा स्कैम

प्रभाकर ने चुनावी बांड योजना (Electoral Bond Scheme)  को दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया। सरकार पर राजनीतिक फंडिंग की आड़ में “जबरन वसूली” रणनीति में शामिल होने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार जानबूझकर उद्योगपतियों को धमका रही है और चुनावी बांड योजना (Electoral Bond Scheme)  के जरिए पैसे वसूल रही है।

अर्थशास्त्री ने विवादास्पद चुनावी बांड योजना (Electoral Bond Scheme) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणी पर सरकार की प्रतिक्रिया पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस सरकार को चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणियों पर शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उनमें ईमानदारी है, तो उन्हें सरकार छोड़ देनी चाहिए।

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