लखनऊ। पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा (Dr. Dinesh Sharma) ने कहा कि सनातन धर्म का अपमान करने वाले दलों की राजनैतिक खेती को जनता 2024 में पूरी तरह से उजाड देगी। यूपी में विपक्ष को सभी सीटों पर हार का सामना करना पडेगा। सपा के एक पदाधिकारी द्वारा हिन्दू धर्म व ब्राह्मणों को लेकर दिए गए बयान पर करारा पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि जातियों को छोडकर हिन्दू समाज के रूप में एकजुट हुई देश जनता की खुशी ऐसे दलों से देखी नहीं जा रही है। ये तो ऐसे लोग है जो सालों से जनता को जाति धर्म के खांचे में बांटकर अपनी राजनीति की रोटी सेंकते रहे हैं।
पढ़ें :- UP News: कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर के आवास से चोरी, बेटे के ड्राइवर को पुलिस ने हिरासत में लिया, अरविंद राजभर ने कहीं ये बातें
आज जारी एक बयान में डा शर्मा ने कहा कि सपा नेता का बयान दुर्भाग्यपूर्ण , लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन और संवैधानिक अधिकारों का हनन है। यह बयान सपा की बौखलाहट का नतीजा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकारों ने गरीब कल्याण की सभी योजनाओं को आम जनता तक बिना किसी भेदभाव के पहुचाया है। इससे जाति धर्म के बंधन टूट गए हैं और विरोधी दलों की राजनीति की फसल सूख गई है। सपा और नए बने गठबंधन की घबराहट का यह अहम कारण है। इसी कारण से वे जानबूझकर कभी हिन्दू धर्म तो कभी धर्म ग्रन्थे को तो कभी ब्राह्मणों को लेकर अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं। समाज को जातियों में अग्रेजों और मुगल शासकों ने बांटा था।
इन्होंने सबसे अधिक प्रताडना ब्राह्मणों को ही दी थी क्योंकि वह पूरे समाज को साथ लेकर चलता था तथा सबके कल्याण की बात करता था। प्रताडित करने के लिए धर्म ग्रन्थ व जनेऊ जलाए गए तथा शिखा को काटने का काम किया । आज समाजवादी नेता द्वारा दिया गया बयान अंग्रेज और मुगलों जैसे कार्य की पुनरावृत्ति है। ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि श्रेष्ठ जीवन जीने का प्रवाह है जो सबको जोडने का कार्य करता है। डा शर्मा ने कहा कि चन्द्रगुप्त मौर्य अखंड भारत के चक्रवर्ती सम्राट हुए थे। उन्हें यहां तक पहुचाने वाले भी चाणक्य थे जो कि ब्राह्मण थे। बाबा साहेब की धर्म पत्नी पूज्य सविता अंबेडकर जी भी ब्राह्मण थीं।
बार बार ब्राह्मण समाज , हिन्दू धर्म व धर्म ग्रन्थों का अपमान करना मर्यादा के खिलाफ है। यह बयान उनकी छोटी सोंच का परिचायक है। आज देश के लोग एकजुट है और मिलजुल कर सारे पर्व मानते हैं। पिछले सात साल में यूपी में एक भी दंगा नहीं हुआ है। इस प्रकार की बाते जातीय उन्माद पैदा करने की साजिश है। जाति और धर्म से ऊपर उठकर प्रदेश की जनता आगामी लोकसभा चुनाव में तथाकथित राजनीतिक दलों गठबंधन को ऐसे बयानों के लिए करारा जवाब देगी और 80 के 80 सीट लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी जीतेगी।