नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू की विदाई के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने विदाई भाषण दिया। पीएम मोदी ने कहा कि हम सब यहां राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को उनके कार्यकाल के समापन पर धन्यवाद देने के लिए मौजूद हैं। यह इस सदन के लिए बहुत ही भावुक क्षण है। सदन के कई ऐतिहासिक क्षण आपकी गरिमामयी उपस्थिति से जुड़े हैं।
पढ़ें :- झांसी में दर्दनाक हादसा: मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में आग लगने से 10 बच्चों की मौत
पीएम मोदी ने कहा कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने हमेशा युवाओं के लिए काम किया। उन्होंने युवाओं का मार्गदर्शन किया।नायडू की विदाई पर पीएम मोदी ने कहा कि अनेक बार आप कहते रहे हैं कि मैं राजनीति से रिटायर हुआ हूं लेकिन सार्वजनिक जीवन से नहीं थका हूं। आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में देश को मिलता रहेगा। हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि हम इस बार ऐसा स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, अध्यक्ष और प्रधान मंत्री वे सभी लोग हैं जो स्वतंत्र भारत में पैदा हुए थे और ये सभी बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि से हैं। मुझे लगता है कि इसका प्रतीकात्मक महत्व है।
पीएम मोदी ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मेरा ये सौभाग्य रहा है कि मैंने बड़े निकट से आपको अलग अलग भूमिकाओं में देखा है। आपकी बहुत सारी भूमिकाएं ऐसी भी रही, जिसमें आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है।
पीएम मोदी ने कहा कि आपका ये जज्बा और लगन हम लोगों ने निरंतर देखी है। मैं प्रत्येक माननीय सांसद और देश के हर युवा से कहना चाहूंगा कि वो समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अगर हमारे पास देश के लिए भावनाएं हों, बात कहने की कला हो, भाषा की विविधता में आस्था हों तो भाषा, क्षेत्र हमारे लिए कभी भी दीवार नहीं बनती हैं ये आपने(एम. वेंकैया नायडू) सिद्ध किया है। पीएम मोदी ने कहा कि उपराष्ट्रपति और सदन के सभापति के रूप में आपकी गरीमा और निष्ठा, मैंने आपको अलग अलग जिम्मेदारियों में बड़ी लगन से काम करते हुए देखा है। आपने कभी भी किसी काम को बोझ नहीं माना। आपने हर काम में नए प्राण फूंकने का प्रयास किया है।