Pooja Ka Aasan : हिंदू धर्म में पूजा पाठ करने का बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है पूजा करने से मन में शांति और रचनात्मकता का विकास होता है। एकाग्रता भी बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार मंत्र जाप करते समय हमेशा आसन बिछाना चाहिए। बिना आसन भूमि पर बैठकर मंत्र जाप करने से दुख की प्राप्ति होती है।
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कलिकाल में सबसे शुद्ध और पवित्र आसन कुशा माना गया है। कुश आसन पर बैठकर मंत्र जप करने से अनंत गुना फल प्राप्त होता है। कुश और कंबल आसन दूसरों के गुण दोष स्वीकार नहीं करते। इसलिए इन्हें सबसे अच्छा आसन माना गया है।शास्त्रों में कहा गया है कि पूजन के लिए रेशम, कंबल, काष्ठ और तालपत्र के आसन का प्रयोग शुभ कार्यों के लिए करना चाहिए।साधना करते समय, एक ही आसन पर लगातार लम्बे समय तक, बिना हिले डुले, बैठे रहने को आसन सिद्धि कहते हैं।
बांस के आसन पर बैठकर मंत्र जाप या देव-पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से दरिद्रता आती है। पत्थर के आसन पर बैठकर पूजा या मंत्र जाप से रोग होते हैं। साथ ही लकड़ी के आसन पर बैठकर पूजा करने से दुर्भाग्य की प्राप्ति होती है। घास के आसन पर बैठकर पूजा करने से यश और कीर्ति नष्ट हो जाती है।