नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Rajya Sabha MP Jairam Ramesh) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए माल और सेवा कर (जीएसटी) का आठ साल तक विरोध किया था। सांसद रमेश ने बताया कि 2006-2014 तक, आठ वर्षों तक, केवल एक सीएम ने जीएसटी (GST) का विरोध किया और वह सीएम 2014 में प्रधानमंत्री बने और यू-टर्न लेते हुए 2017 में जीएसटी के मसीहा के रूप में उभरे। उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में घोषित जीएसटी सुधार सीमित की घोषणा कि गई। क्योंकि वह एमएसएमई क्षेत्र की प्रक्रियात्मक जटिलताओं को नेविगेट करने में आसानी प्रदान नहीं करते हैं। इस कटौती के बाद भी एमएसएमई क्षेत्र (MSME sector) की प्रक्रियात्मक जटिलताओं को कम करने की आवश्यकता पूरी नहीं हुई है। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों (state governments) को पांच साल का मुआवजा पैकेज प्रदान करने की मांग पर कुछ नहीं कहा है।
राज्य सभा सांसद जयराम रमेश (Rajya Sabha MP Jairam Ramesh) ने कहा कि इस समय कई मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अपने हमले को तेज करते हुए तर्क दिया कि कांग्रेस आठ साल से जीएसटी में सुधार की “बार-बार” मांग कर रही थी, जिसे सरकार ने तब तक नजरअंदाज किया जब तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (US President Donald Trump) ने टैरिफ नहीं लगा दिए। जीएसटी पहली बार जुलाई 2017 में लागू किया गया था। तभी राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने इसे गब्बर सिंह टैक्स कहा था। यह न तो अच्छा है और न ही सरल है। हम जानते थे कि यह नोटबंदी के बाद हमारी अर्थव्यवस्था के लिए दूसरा झटका होगा। उन्होंने आठ साल तक हम पर विश्वास नहीं किया और सुधारों की हमारी बार-बार की मांग के बावजूद कोई बदलाव नहीं किया।
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सबसे पहले जीएसटी का प्रस्ताव लेकर आए थे पी चिदंबरम
रमेश ने कहा कि जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव सबसे पहले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (Former Finance Minister P Chidambaram) ने 2006 में पेश किया था और इसे 2010 में एक विधेयक के रूप में पेश किया गया था। जब ट्रम्प ने टैरिफ लगाए, तो सरकार कर ढांचे में सुधार करने के लिए मजबूर हो गई और अब वे इसे एक उत्सव की तरह मना रहे हैं। वे आठ साल बहुत देर कर चुके हैं। जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव सबसे पहले 2006 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम (Former Finance Minister P Chidambaram) ने रखा था। 2010 में इसे संसद में विधेयक के रूप में पेश किया गया। उन्होंने आगे कहा, ढाई साल तक यह स्थायी समिति के पास रहा, जिसके अध्यक्ष तत्कालीन भाजपा नेता यशवंत सिन्हा थे। जब इसकी रिपोर्ट पेश की गई, लगभग उसी समय चुनावों की घोषणा हुई।