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प्रियंका का योगी से तीखा सवाल- किस बात का है डर? जो मुझे अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। आगरा में सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि (Arun Valmiki) की पुलिस हिरासत में मौत (Death in Police Custody) का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। वाल्मीकि जयंती के मौके पर प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) अरुण वाल्मीकि (Arun Valmiki) के परिवार से मिलने आगरा जाना चाहती थीं, लेकिन उनको आगरा टोल पर ही रोक लिया गया। कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस हिरासत में सफाई कर्मचारी की मौत हुई है। कथित पुलिस हिरासत में हत्या मामले में एसएसपी आगरा, मुनिराज (Agra SSP Muniraj)  ने बताया कि 5 पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया है। इसमें एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और तीन सिपाहियों को किया सस्पेंड किया गया है। एसएसपी ने कहा कि घटना में मुकदमा दर्ज हो गया है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Post Mortem Report) आने के बाद आगे कार्रवाई होगी।

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कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा  (Priyanka Gandhi Vadra) ने ट्वीट कर कहा कि अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज भगवान वाल्मीकि जयंती (Lord Valmiki Jayanti) है, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।

प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने ट्वीट कर कहा कि किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि (Arun Valmiki)  की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती (Lord Valmiki Jayanti) के दिन योगी सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। उन्होंने कहा कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले।

प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने कहा कि पुलिस वाले कहते हैं कि मैं आगरा नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि मैं जहां भी जाती हूं रोका जाता है। क्या मैं रेस्टोरेंट में बैठी रहूं? सिर्फ इसलिए कि यह उनके लिए राजनीतिक रूप से सुविधाजनक है? मैं अरुण के परिवार से मिलना चाहती हूं, इसमें क्या दिक्कत है? पुलिस की खुद स्थिति यह हो गई है कि वे कुछ कह नहीं पा रहे हैं। उनके अधिकारी भी जानते हैं कि ये गलत है इसके पीछे कुछ कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। हर जगह कहते हैं कि धारा-144 है।

इस मामले में आगरा के एसएसपी मुनिराज (Agra SSP Muniraj) ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ के दौरान घर पर चोरी के पैसे रखे होने की बात कबूली थी। पुलिस आरोपी को घर लेकर जा रही थी कि उसी दौरान उसकी तबियत बिगड़ गई। परिवारजनों के साथ उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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बता दें कि आगरा के थाना जगदीशपुरा में 17 अक्तूबर को 25 लाख रुपये गायब हुए थे। ये पैसे आगरा के थाने के मालखाने में रखे हुए थे। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी कथित तौर पर चाय पीने गया हुआ था। एक सफाई कर्मचारी को पुलिस ने मंगलवार को पकड़ा था। बताया गया था कि उसने 25 लाख रुपये चुराने की बात कबूली थी

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