पाकिस्तान में विरोध की आहट है, लेकिन सेना प्रमुख आसिम मुनीर अमेरिका के दबाव और डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदों को नज़रअंदाज़ करने के मूड में दिख रहे हैं। गाज़ा के लिए प्रस्तावित ‘स्टेबलाइजेशन फोर्स’ में पाकिस्तानी सैनिकों की तैनाती को लेकर वॉशिंगटन इस्लामाबाद पर लगातार दबाव बना रहा है। वहीं खबर है की फील्ड मार्शल आसिम मुनीर आने वाले हफ्तों में तीसरी बार अमेरिका जा रहे हैं, जहां वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।
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पाकिस्तान के सबसे ताकतवर सैन्य प्रमुख माने जा रहे फील्ड मार्शल आसिम मुनीर इस समय अपने कठिन परीक्षा से गुजर रहे हैं अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान, गाजा के लिए प्रस्तावित ‘स्टेबलाइजेशन फोर्स’ में अपने सैनिक भेजे। फिलहाल जानकारों का कहना है कि ऐसा फैसला पाकिस्तान के भीतर जबरदस्त राजनीतिक और धार्मिक प्रतिक्रिया को जन्म दे सकता है।
आने वाले हफ्तों में अमेरिका जाने की तैयारी
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में सूत्रों ने बताया कि आसिम मुनीर आने वाले हफ्तों में वॉशिंगटन जा सकते हैं। यह पिछले छह महीनों में उनकी तीसरी अमेरिका यात्रा होगी। इस दौरे के दौरान उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात तय मानी जा रही है और बातचीत का मुख्य एजेंडा गाजा स्टेबलाइजेशन फोर्स ही होगा।
अमेरिका का गाजा प्लान पर दबाव
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डोनाल्ड ट्रंप के 20 पॉइंट गाजा प्लान के तहत मुस्लिम देशों की एक संयुक्त सेना को गाजा में तैनात करने की योजना है। इसका मकसद युद्ध के बाद के संक्रमण काल में वहां पुनर्निर्माण, आर्थिक बहाली और स्थिरता सुनिश्चित करना बताया गया है। बीते दो साल से ज्यादा समय में इजरायली सैन्य हमलों से गाजा बुरी तरह तबाह हो चुका है। हालांकि, कई देश इस मिशन को लेकर आशंकित हैं। गाजा में हमास जैसे इस्लामिस्ट आतंकी संगठन को निष्क्रिय करने की कोशिश उन्हें सीधे संघर्ष में घसीट सकती है। साथ ही, अपने-अपने देशों में फिलिस्तीन समर्थक और इजरायल विरोधी आबादी को भड़काने का खतरा भी बना हुआ है।