लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि जल की महत्ता की दृष्टि से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व जल दिवस मनाया जाता है । जल के संरक्षण, संवर्द्धन, संचय एवं शुद्धता के लिए लोगों को जागरूक कर संकल्प दिलाया जाता है, लेकिन भारतीय संस्कृति में सदियों से जल ही जीवन है, जल ही अमृत है माना जाता है। यहां पर जल की पवित्रता इतनी है कि इसे पंचभूतों में से एक कहा गया है। भगवान का अभिषेक एवं संकल्प भी प्रतिदिन लोग जल से ही करते हैं। जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए वातावरण को स्वच्छ बनाना बहुत आवश्यक है।
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उन्होंने कहा कि इस समय त्योहारों का समय है। पूजा एवं धार्मिक स्थलों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। सभी निकायों में भी साफ-सफाई के लिए स्वच्छ नवरात्रि का अभियान चलाया जाय। इसके पहले भी त्योहारों को स्वच्छता के साथ मनाया गया है। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने आज नगरीय निकाय निदेशालय में विश्व जल दिवस के अवसर पर ‘‘सतत और समावेशी स्वच्छता और सबके लिए जल’’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करके कार्यक्रम की शुरूआत की । इस अवसर पर नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर ‘गुरू’ भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश को 90 प्रतिशत तक स्वच्छ बना दिया है, शेष 10 प्रतिशत स्वच्छता के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने पानी के समुचित प्रयोग पर बल दिया। निकायों में जल की शुद्धता बनाये रखने के लिए तालाबों एवं वाटर बॉडीज का संरक्षण, जीर्णोद्धार बहुत जरूरी है।
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एके शर्मा ने साफ-सफाई पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इसमें आमजन की सहभागिता जरूरी है। हम सभी को अपने आसपास साफ-सफाई, सुन्दरीकरण एवं जल संरक्षण व शुद्धता पर निरन्तर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगरों को वैश्विक नगर बनाये जाने का अभियान चल रहा है। इसी का परिणाम रहा कि जी-20 एवं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान आये विदेशी मेहमानों ने भी लखनऊ और आगरा की प्रशंसा की। उन्होंने नगरीय व्यवस्थापन में भी मशीन का प्रयोग बढ़ाने के निर्देश दिये तथा डीजल की बर्बादी, दुरूपयोग एवं चोरी को पूर्णतया रोकने को कहा।
नगर विकास मंत्री ने इस अवसर पर अमृत योजना के अन्तर्गत 04 नगर निगमों, 21 नगर पालिका परिषदों के लिए कुल 32 केएलडी क्षमता की 10575.32 लाख रूपये की लागत से निर्मित 25 फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण किया। साथ ही 06 नगर निगमों एवं 04 नगर पालिका परिषदों के लिए 25/50/100 केएलडी क्षमता के 1260.77 लाख रूपये की लागत से निर्मित 10 को-ट्रीटमेंट प्लांट का भी लोकार्पण किया। उन्होंने निकायों की साफ-सफाई एवं स्वच्छता में सहयोग करने तथा लोगों को प्रेरित करने के लिए कुल 09 श्रेणी में 27 नारी शक्ति को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
स्थानीय निकाय निदेशालय में आयोजित कार्यशाला में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि जल संरक्षण जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। स्वस्थ शरीर के लिए शुद्ध जल भी उतना ही जरूरी है जितना कि भोजन। प्रधानमंत्री जी ने 15 अगस्त 2014 को ‘स्वच्छ भारत’ का संकल्प लिया था। इसकी सफलता को देखते हुए अक्टूबर 2021 में स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की शुरुआत की गई। उन्होंने शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए सीवरेज सिस्टम को सुदृढ़ बनाने के साथ-साथ प्रयुक्त जल को ट्रीटमेंट करते हुए शुद्ध जल में परिवर्तित करने पर जोर दिया।
इस अवसर पर सीएसई की डायरेक्टर जनरल सुनीता नारायन ने कहा कि प्राचीन भारत में पानी के सदुपयोग के प्रमाण देखे जा सकते हैं। कहा कि हमें नदियों को बचाना है तो नदियों तक पहुंचने वाले हर नाले के जल को शुद्ध करना होगा। वर्तमान में हम नदियों से स्वच्छ पानी लेते हैं लेकिन नदियों को वापस गंदा पानी देते हैं। हमें इसमें बदलाव करना होगा। हमें घरों से निकलने वाले पानी को ट्रीटमेंट के माध्यम से शुद्ध जल में परिवर्तित करना होगा।
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कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सेप्टिक प्रबंधन पर प्रकाश डाला। निदेशक नगरीय निकाय नेहा शर्मा ने शौचालयों के कायकल्प के लिए शुरू किए गए सात दिवसीय अभियान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 75 हजार शौचालयों का कायाकल्प किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश के नगरीय निकायों में शौचालयों की सफाई वृहद स्तर पर की जाएगी। राज्य मिशन सचिव, श्री रंजन कुमार ने कहा कि हम सबको एक परिवर्तन लाना होगा और पानी के सुचारू रूप से प्रयोग और प्रबंधन करना होगा।
इस अवसर पर प्रदेश के 75000 शौचालयों के कायाकल्प के लिए सात दिवसीय अभियान ‘75000’ की शुरुआत भी की गई।