नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) की भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Government) कर्मचारियों को अभी तक अगस्त महीने की सैलरी नहीं दे पाई है। इसके चलते पंजाब (Punjab) में चर्चा शुरू हो गई है कि राज्य सरकार फंड की कमी के संकट से जूझ रही है। आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों को बीते हुए महीने की सैलरी एक तारीख को ही अदा की जाती है।
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इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति (GST Compensation) की व्यवस्था समाप्त होने के बाद से यह संकट बढ़ा है। राज्य सरकार को जीएसटी कंपेनसेशन (GST Compensation) के तहत 16 हजार करोड़ रुपये मिले थे। इस साल पंजाब सरकार (Punjab Government) को मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही का ही जीएसटी (GST) मिला था। इसके बाद 30 जून से ही यह सिस्टम समाप्त हो गया।
अधिकारियों बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार मार्च में आई थी और तब से लगातार समय पर सैलरी अदा की जा रही है। सिर्फ इस महीने ऐसा हुआ है, जब वेतन के भुगतान में देरी हुई है। पंजाब की सरकार को हर साल 31,171 करोड़ रुपये की रकम सैलरी के तौर पर अदा की जाती है। इसमें हर महीने 2,597 करोड़ रुपये की रकम शामिल है। एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि सैलरी देने में इसलिए देरी हुई है क्योंकि सरकार 1,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है ताकि ब्याज हासिल किया जा सके।
अफसरों ने बताया, क्यों हुई है सैलरी के भुगतान में देरी
एक अधिकारी ने कहा कि यह सरकारी खजाने को होने वाले फायदे की बात है। हमें लगता है कि कर्मचारी हमारा साथ देंगे और एक वीक इंतजार कर सकेंगे। हमने ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को सैलरी दे दी है। अन्य लोगों को बुधवार तक वेतन दे दिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि सरकार के पास जब भी पैसे की कमी है तो फिर क्लास सी और डी के कर्मचारियों को पहले सैलरी दी जाती है। उसके बाद क्लास ए और बी के कर्मचारियों को वेतन मिलता है। पंजाब सरकार (Punjab Government) के खजाने पर पावर सब्सिडी से भी बोझ बढ़ रहा है। इस साल करीब 20,000 करोड़ रुपये का सब्सिडी का बोझ पंजाब सरकार (Punjab Government) पर पड़ने वाला है। इसमें 18,000 करोड़ रुपये की वह फ्री बिजली शामिल है, जो किसानों को दी जा रही है।
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बिजली, कर्ज समेत कई खर्चों के बोझ तले दबी पंजाब सरकार
इसके अलावा आप सरकार ने हर घर को 300 यूनिट तक मुफ्ट बिजली देने का ऐलान किया है। इसके अलावा बीते साल दिसंबर तक बकाया बिलों को भी माफ करने के चलते 1,298 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है। वेतन और पावर सब्सिडी के अलावा पंजाब सरकार (Punjab Government) पर 20,122 करोड़ रुपये की ब्याज की अदायगी, पेंशन के तौर पर 15,145 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। इसके अलावा पंजाब को अडवांस और लोन की भी 27,927 करोड़ रुपये की पेमेंट करनी है। अन्य खर्चों पर भी 20,000 करोड़ रुपये की रकम की जरूरत पंजाब सरकार (Punjab Government) को है।