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राहुल गांधी 14 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर हों, वीर सावरकर पर टिप्पणी मामले में लखनऊ कोर्ट ने लगाया 200 रुपये जुर्माना

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ की एक अदालत ने वीर सावरकर (Veer Savarkar) पर टिप्पणी को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर 200 रुपए का जुर्माना लगाया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने लगातार पेशी से गायब रहने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर ये जुर्माना लगाया। साथ ही अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चेतावनी भी दी कि 14 अप्रैल 2025 को राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  कोर्ट में हर हाल में हाजिर हों। यदि इस तारीख को वह पेश नहीं हुए तो उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

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वकील नृपेंद्र पांडेय ने वर्ष 2022 में धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के तहत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Leader of the Opposition Rahul Gandhi) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को समन जारी कर तलब किया था। वकील नृपेन्द्र पांडेय (Advocate Nripendra Pandey) ने परिवाद में आरोप लगाया था कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  ने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीर सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कहा था।

क्या था पूरा मामला, जिसमें राहुल को कोर्ट में पेश होना था?

परिवादी नृपेन्द्र पांडेय (Nripendra Pandey) ने बताया कि यह बयान समाज में वैमनस्य और द्वेष फैलाने की मंशा से दिया गया था। इसके साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से तैयार पम्पलेट भी पत्रकारों के बीच बांटे गए थे। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने बयान और गवाहों के साक्ष्य को गंभीरता से लिया। निगरानी अदालत ने भी मामले को दोबारा सुनवाई के लिए मजिस्ट्रेट अदालत को भेजा था।

सभी तथ्यों और साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए कोर्ट ने पाया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) प का बयान समाज में घृणा और वैमनस्य फैलाने वाला था, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत दंडनीय अपराध है। एक अक्टूबर 2023 को याचिकाकर्ता नृपेंद्र पांडेय ने एमपी/एमएलए के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग वाली अर्जी दी थी।

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राहुल गांधी ने क्यों नहीं हुए पेश?

5 मार्च 2025 को सुनवाई के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर से उनके अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र (अर्जी) दाखिल किया, जिसमें उन्होंने आज व्यक्तिगत रूप से उपस्थित न हो पाने की वजह बताई। राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  की ओर से पेश अर्जी में कहा गया कि वह इस समय संसद में विपक्ष के नेता हैं। आज (5 मार्च) उनके पास एक विदेशी गणमान्य व्यक्ति से मुलाकात का पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम था। इसके अलावा अन्य आधिकारिक कार्यों में व्यस्तता के चलते वह अदालत में उपस्थित नहीं हो पाए। वह कोर्ट के आदेशों का सम्मान करते हैं और जानबूझकर पेशी से बचने का प्रयास नहीं कर रहे।

लखनऊ कोर्ट का फैसला

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अनुपस्थिति पर अदालत ने 200 रुपए का जुर्माना लगाते हुए अगली सुनवाई की तारीख 14 अप्रैल 2025 तय की है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इस तिथि पर भी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) व्यक्तिगत रूप से हाजिर नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडेय का पक्ष

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शिकायतकर्ता वकील नृपेंद्र पांडेय ने कोर्ट में दलील दी कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बार-बार समन के बावजूद पेश नहीं हो रहे हैं। कोर्ट को उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर से पेश हाजिरी माफी की अर्जी का विरोध किया। कोर्ट ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को 14 अप्रैल को अनिवार्य रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया है। यदि वह इस तिथि पर भी उपस्थित नहीं होते हैं तो गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है।

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