लखनऊ: हाल के कुछ वर्षों में मीडिया की सुर्खियों में आने के लिए व राजनीति में सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ओछे बयान देना एक आम चलन बन चुका है। ऐसी ही शर्मनाक कोशिश करते हुए बॉलीवुड अभिनेत्री व हाल ही पद्मश्री पुरस्कार (Padma Shri Award) पाने वाली कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने ऐसा विवादित बयान दिया है।
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उन्होंने मीडिया एक चैनल से कहा कि 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली है। कंगना के इस संदेश साफ है कि भाजपा सरकार आने के बाद इस देश ने आजादी की सांस ली है। यह हमारे देश का दुर्भाग्य ही है जहां पर मात्र एक राजनीतिक पार्टी को खुश करने के लिए देश के लिए मर मिटने वालों का मजाक उड़ाया जाता है।
ऐसे में अब सवाल उठता है कि कंगना रनौत ऐसा बयान देकर आखिर क्या साबित करना चाह रही हैं। जबकि देश को आज़ादी दिलाने के लिए लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुतियां दीं। भारत को आजाद कराने में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू,सुभाष चंद्रबोस और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का ही नहीं, बल्कि सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, खुदीराम बोस,लाला लाजपत राय जैसे क्रांतिकारियों ने अपने जीवन को बलिदान कर दिया।
1947 के दौर में हजारों लोगों ने देश के लिए कुर्बानी दी। गुलामी के खिलाफ लड़ाई तो देश में 1857 से ही चली आ रही है, जहां पर रानी लक्ष्मीबाई और मंगल पांडेय जैसे महान वीर सपूत व देशभक्त हुए और बाद में सुखदेव, राजगुरु चंद्रशेखर आजाद व उधम सिंह जैसे भारत मां के बहादुर सपूत जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों तक का मोह छोड़ दिया था। कंगना रनौत ने ऐसा बयान देकर उन सभी देशभक्तों का मजाक उड़ाया है।
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कंगना के इस बयान आग बबूला कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने सवाल उठाया है कि ऐसे लोगों को पद्मश्री (Padma Shri Award) देने का मतलब है कि सरकार इस तरह के लोगों को बढ़ावा दे रही है। तो कईयों का कहना है कि कंगना यह बयान ‘देशद्रोह’ है। देश के बुद्धिजीव वर्ग ने कंगना को पद्मश्री अवार्ड (Padma Shri Award) मिलने पर टिप्पणी के साथ कहा कि पद्मश्री एक बहुत बड़ा सम्मान है और यह राष्ट्र के उन लोगों को मिलता है जिन्होंने किसी कार्य में महारथ हासिल की हो या समाज भलाई का कोई अतुलनीय कार्य किया हो।
हम पद्मश्री (Padma Shri Award) का सम्मान करते हैं । उन सभी लोगों का दिल से सम्मान करते हैं । जिन्होंने अपनी कर्मठता से खुद को पद्मश्री के योग्य बनाया। कंगना रनौत को भी यह सम्मान मिला तो उन्हें इस की गरिमा भी बनाए रखनी चाहिए थी। पद्मश्री का मतलब है राष्ट्र के लिए कुछ बेहतर करने वाले लोगों का सम्मान, लेकिन कंगना रनौत ने राष्ट्र का ही अपमान किया है । राष्ट्र के देशभक्तों का अपमान (insult to patriots) किया है । उन सभी देशभक्तों का अपमान किया है। जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों का त्याग कर दिया। पूरे देश के इस समय पुरजोर आवाज उठ रही है कि केंद्र सरकार से कंगना रनौत से पद्मश्री (Padma Shri Award) वापस लिया जाए और ऐसे निंदनीय बयान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को एक योजना का ब्रांड एम्बेस्डर बनाया है। अब सवाल उठता है कि क्या इस तरह की मानसिकता के लोगों को ब्रांड एम्बेस्डर बनाया जाना चाहिए। इस पर भी योगी सरकार को विचार करना चाहिए।