नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि किसान आंदोलन (Farmer movement)
आने वाले दिनों में भी जारी रह सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस आंदोलन में और तेजी आ सकती है। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) को लेकर एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि यहां जनता भाजपा (BJP) को वोट नहीं देगी, लेकिन जीत उसकी ही होगी। उन्होंने कहा कि इसकी वजह सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा (BJP) दूसरे दलों के प्रत्याशियों को पर्चा दाखिल करने से रोकेगी। यदि दाखिल भी हो गया तो उनका नामांकन खारिज करा देगी। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि भाजपा (BJP) जहां भी जाती है, वहां लोगों को तोड़ने का काम करती है।
पढ़ें :- सड़क चौड़ी करने के लिए घर पर चला दिया बुलडोजर; सुप्रीम कोर्ट की योगी सरकार को कड़ी फटकार,5 अफसरों के खिलाफ जांच के आदेश
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने दिवाली के मौके पर भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम दिवाली के मौके पर भी बॉर्डर पर रहेंगे और यहीं दीये जलाएंगे। टिकैत ने कहा कि यदि बॉर्डर खुलते हैं तो फिर हम भी दिल्ली की ओर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मंडियां बंद हो गई हैं। ऐसे में हम सही दाम पर संसद में ही अपनी फसलों को बेचने की कोशिश करेंगे। सीमाओं को खोला जाएगा तो फिर सबसे पहले किसानों के ट्रैक्टर दिल्ली की ओर रवाना होंगे। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए कोई पहल नहीं की है। इतिहास में यह याद रखा जाएगा कि एक सरकार ऐसी भी थी, जिसने एक साल तक चले आंदोलन के बाद भी बात नहीं की।
इसके साथ ही भाजपा (BJP) पर तीखा हमला बोलते हुए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि यह पार्टी जहां भी जाती है, वहां लोगों को तोड़ने का काम करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने यूपी में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) , बिहार में लालू यादव (Lalu Yadav in Bihar) और हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला (Omprakash Chautala) के परिवार को तोड़ा है। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि हम कानून वापसी के साथ ही घर वापसी करेंगे। उससे पहले हम घर नहीं लौटेंगे। सरकार से बातचीत को लेकर टिकैत ने कहा कि हमें 22 जनवरी के बाद से बातचीत का कोई न्योता नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को हमारे आंदोलन को एक साल पूरा हो जाएगा। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि यदि सरकार बता दें कि हमें बातचीत नहीं करनी है। तो फिर हम अपने टेंटों को फिर से मजबूत करें और यहीं डटे रहें।