Rangbhari Ekadashi Remedies : व्रत, साधना की श्रंखला में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, साधक को एकदशी व्रत का पालन करने पर मनचाहा फल प्राप्त होता है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन जब भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का भी विधान है।
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पौराणिक मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव माता पार्वती से विवाह करने के बाद पहली बार एक साथ काशी नगरी गए थे। जहां पर लोगों ने भगवान शिव और मां पार्वती का रंगों और गुलाल के साथ उनका स्वागत किया गया था। यही कारण हैं कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। इस दिन एकादशी के व्रत रखने और कुछ टोटके आदि करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है
रंगभरी एकादशी 2023
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार रंगभरी एकादशी का व्रत 3 मार्च शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।
तिलक लगाएं
इस दिन गुलाब जल में चंदन और केसर मिलाकर तिलक लगाएं। माना जाता है कि इससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
माता पावर्ती को गुलाल अपर्ति करें
अगर आपका दांपत्य जीवन सुखमय नहीं चल रहा है, तो इसे खुशहाल बनाने के लिए रंगभरी एकादशी के दिन शिवालय में भगवान शिव और माता पावर्ती को गुलाल अपर्ति कर सकते हैं।
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आंमलकी एकादशी
रंगभरी एकादशी को आंमलकी एकादशी भी कहा जाता है। इस एकादशी के दिन आंवले का विशेष महत्व होता है। इस दिन श्री हरि को आंवला चढ़ाकर व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिल सकता है।