रोहिणी व्रत 2021 जैन समुदाय के लिए महत्वपूर्ण दिनों में से एक है, क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। रोहिणी जैन और हिंदू कैलेंडर में सत्ताईस नक्षत्रों में से एक है। रोहिणी व्रत मार्गशीर्ष नक्षत्र में रोहिणी नक्षत्र के अंत में मनाया जाता है जैन धर्म के अनुसार, पुरुष और महिला दोनों इस व्रत का पालन कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए यह अनिवार्य है। इस महीने विशाल 20 नवंबर, 2021 को मनाया जाएगा।
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रोहिणी व्रत 2021: तिथि और शुभ समय
दिनांक: 20 नवंबर, शनिवार
सूर्योदय: 6:48 AM
सूर्यास्त: 05:26 अपराह्न
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तिथि: प्रतिपदा शाम 05:04 बजे तक
रोहिणी व्रत 2021: महत्व
यह जैन धर्म के लिए विशेष दिनों में से एक है, क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने पति और परिवार की बेहतरी, स्वस्थ, समृद्ध जीवन के लिए उपवास रखती हैं। रोहिणी व्रत उस दिन मनाया जाता है जिस दिन सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र प्रबल होता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग रोहिणी व्रत का पालन करते हैं, वे सभी प्रकार के दुखों और दरिद्रता से छुटकारा पा सकते हैं। रोहिणी नक्षत्र का पारण मार्गशीर्ष नक्षत्र के दौरान किया जाता है।
आमतौर पर रोहिणी व्रत 3, 5 या 7 साल तक लगातार मनाया जाता है। रोहिणी व्रत का समापन उद्यापन के साथ करना चाहिए।
रोहिणी व्रत 2021: पूजा विधि
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– सुबह जल्दी उठें, नहाएं और साफ कपड़े पहनें
– जैन भगवान वासुपूज्य की मूर्ति के साथ एक वेदी स्थापित करें।
– फूल, धूप और प्रसाद चढ़ाएं।
– कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
– बुरे व्यवहार और की गई गलतियों के लिए मना करने की प्रार्थना करने के लिए प्रार्थना की जाती है।
-रोहिणी नक्षत्र के आकाश में प्रकट होने के बाद व्रत का पालन करें
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– मृगशिरा नक्षत्र के आकाश में उदय होने पर व्रत का समापन करें
– गरीबों को दान दिया जाता है और जरूरतमंदों को शुभ होता है।