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‘कांग्रेस मुक्त भारत’ मोदी-ममता का सपना, RSS की पत्रिका ने किया दावा

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश के राजनीतिक गलियारों में RSS से जुड़ी एक बंगाली पत्रिका (RSS linked Bengali magazine) ने एक सनसनीखेज दावा किया है। पत्रिका के एक लेख में दावा किया गया ​है कि दो प्रमुख विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) व तृणमूल कांग्रेस ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ (Congress mukt Bharat) के लिए समझौता किया है। लेख में इस बात का ​जिक्र किया गया है कि ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ (Congress mukt Bharat)  ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और बीजेपी (BJP) का सपना है।

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RSS से जुड़ी बंगाली पत्रिका (RSS linked Bengali magazine) में इन दावों से संबंधित एक आर्टिकल ‘स्वस्तिका’ (Article ‘Swastika’) में लिखी गई है। जबकि भाजपा (BJP) ने अब इसे दावे को आधारहीन बताते हुए खुद को आधिकारिक तौर पर इस लेख से अलग कर लिया है। तो वहीं तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने भी भगवा पार्टी से किसी भी तरह के समझौते को आधारहीन बताया है। जबकि कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब इनका चेहरा सामने आ गया है।

आर्टिकल में मोदी-ममता मुलाकात का जिक्र

ये आर्टिकल निर्मल मुखोपाध्याय ने 13 दिसंबर को प्रकाशित किया गया है। इस आलेख का शीर्षक था ‘Keno itihas muchte chaichen Mamata? Shilpo agroho na Sonia khotom?’ यानी ममता क्यों इतिहास मिटा रही हैं? निवेशकों को लुभाने के लिए या सोनिया को नष्ट करने के लिए? इस आलेख में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी की हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक का जिक्र किया गया है। दावा किया गया है कि दोनों ने कांग्रेस-मुक्त भारत के सपने पर चर्चा की थी।

भाजपा के सपने को पूरा कर रहीं ममता

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लेख में लिखा गया कि उनके बदलती तेवरों से साफ है कि ये वहीं ममता बनर्जी नहीं हैं। नरेंद्र मोदी का सपना था कांग्रेस-मुक्त भारत। मुझे ऐसा लगता है कि ममता बनर्जी भी अब इसी सपने पर विश्वास करने लगी हैं। इसलिए वो इतिहास को मिटाना चाहती हैं ताकि इस सपने को बेचा जा सके। लेखक ने यह भी लिखा है कि ममता बनर्जी के दिमाग में यह बात है कि वो अपने दुश्मनों और परिचित प्रतिद्वंदियों को अपने करीब ला रही हैं।

RSS ने जानें क्या दी प्रतिक्रिया

इस मैग्जीन के एडिटर तिलक रंजन बेरा अब तक लेख पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आरएसएस के महासिचव जिश्नू बासु ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि अब तक उन्होंने यह आर्टिकल नहीं पढ़ा है। उन्होंने कहा कि मैं अभी इस आर्टिकल को पढ़ने वाला हूं। इसलिए मैं इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता, लेकिन मैं इस तरह की किसी भी समझौते के बारे में नहीं जानता, सच्चाई यह है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में 62 बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए। वहीं आरएसएस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह मैग्जीन आरएसएस से जुड़ी हुई है। इसके एडिटोरियल और प्रबंधन कमेटी में शामिल कई लोग आरएसएस बैकग्राउंड के हैं।

BJP-TMC की जानें क्या है प्रतिक्रिया?

इस आलेख पर बीजेपी के प्रवक्ता शामिक भट्टाचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह आर्टिकल आधारहीन है। इसका पार्टी की नीतियों से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा नेता ने कहा कि इसका बीजेपी के स्टैंड और नीतियों से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन कई आर्टिकल इसमें आते हैं जिनका पार्टी की नीतियों या सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं होता है।

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वहीं तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने भाजपा के साथ टीएमसी के समझौते के आरोपों को आधारहीन बताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी से किसी भी तरह के समझौते के आरोप बेफजूल हैं। भगवा कैंप के खिलाफ ममता बनर्जी सबसे मजबूत विपक्ष हैं।

कांग्रेस बोली- खुल गया दोनों दलों का रहस्य

इस लेख पर कांग्रेस प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब सच्चाई सामने आ गई है। पार्टी के नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि अब रहस्य खुल चुका है। हम काफी लंबे समय से कहते आए हैं कि बीजेपी और टीएमसी में आपसी समझौता हुआ है और दोनों कांग्रेस को नष्ट करने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं। लेकिन वो कामयाब नहीं होंगे।

बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव में हैट्रिक लगाने के बाद टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी पार्टी के विस्तार में जुटी हुई हैं। उन्होंने हाल ही में दावा किया कि तृणमूल ही असली कांग्रेस है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि कोई यूपीए नहीं है। ममता बनर्जी विपक्षी पार्टियों का समर्थन हासिल करने के लिए कई नेताओं से मुलाकात भी कर चुकी है।

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