Rudraksha Benefits : सनातन धर्म में ऋषियों ने रुद्राक्ष के गुणों को पहचान कर उनकी विशेषताओं के बारे जगत को अवगत कराया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष को शिव का प्रिय माना जाता है। शिव की पूजा में रुद्राक्ष की माला का विशेष महत्व है।आध्यात्मिक साधक के जीवन में रुद्राक्ष एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता। जीवन के कुछ कामों में रुद्राक्ष धारण करने से वह अपवित्र हो जाता है और इसके परिणाम भी उल्टे होने लगते हैं। तो आइए जानते हैं, जानिए किसे धारण नहीं करना चाहिए।
पढ़ें :- Mangal Maas Kartik : मंगल मास कार्तिक की पूर्णिमा का पूर्ण स्वरूप
अनोखा कंपन होता है
हिमालयी क्षेत्र में रुद्राक्ष के वृक्ष पाये जाते है। ज्यादातर नेपाल, बर्मा, थाईलैंड या इंडोनेशिया में पाए जाते हैं। सबसे अच्छी गुणवत्ता हिमालय में एक निश्चित ऊंचाई से आती है क्योंकि किसी विशेष तरह की मिट्टी, वातावरण और सब कुछ इसे प्रभावित करता है। इन बीजों में एक बहुत ही अनोखा कंपन होता है।
ज्योतिष में रुद्राक्ष को बहुत पवित्र और चमत्कारिक माना गया है। रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर चौदह मुखी तक होते हैं। हर रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व है। व्यक्ति को अपनी मनोकामना या जरूरत के लिहाज से रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। धर्म शास्त्रों में रुद्राक्ष धारण करने के लिए कड़े नियमों के बारे बताया गया है। तन मन की पवित्रता इसको धारण करने के लिए आवश्यक है।माना जाता है कि बच्चे के जन्म लेने के बाद कुछ दिनों तक मां और बच्चा अशुद्ध रहते हैं। ऐसे समय में माँ को गलती से भी रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए इसके अलावा जो लोग रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं उन्हें भी ऐसे कमरे में नहीं जाना चाहिए जहां मां और बच्चे हैं।
रुद्राक्ष पहनकर गलती से भी धूम्रपान और मांसाहार न करें। इससे रुद्राक्ष अपवित्र भी हो जाएगा और यह आपको फायदे की जगह बड़ा नुकसान भी पहुंचा सकता है। रुद्राक्ष पहनकर शवयात्रा या शमशान घाट पर जाने से बचना चाहिए।