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रामचरितमानस की आड़ में सपा का राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण, मायावती ने भाजपा पर भी लगाया नफरत फैलाने का आरोप

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) इन दिनों श्रीरामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करके घिर गए हैं। उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसको लेकर मायावती ने भी सपा पर निशाना साधा है। इसके साथ ही भाजपा पर भी नफरत फैलाने का आरोप लगाया है।

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बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर लिखा है कि, संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हेतु नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।

इसके साथ ही ट्वीट में लिखा है कि, रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके।

साथ ही लिखा है कि, उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहां सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।

 

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