मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) पर कब्जे को लेकर छिड़ी जंग बढ़ती ही जा रही है। अब शिवसेना सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) ने महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) व लोकसभा स्पीकर (Lok Sabha Speaker) पर हमला बोला है। संजय राउत (Sanjay Raut) ने शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Mukhapatr Samna) में लिखा कि महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) और लोकसभा के अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ने पार्टी सांसदों के विद्रोही समूहों को मान्यता देकर संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है।
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उन्होंने इस कार्रवाई को एक मंदिर के पुजारी द्वारा दान पेटी को लूटने और मंदिर के ट्रस्टियों द्वारा गुंबद को काटने के समान बताया है। उन्होंने कहा देश में लोकतंत्र के मंदिरों में भी ऐसी ही बातें हो रही हैं।
महाराष्ट्र सरकार को बचाने की कोशिश कर रहा है केंद्र
राउत ने आरोप लगाया कि, केंद्र एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बचाने व शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसदों में से 12 शिंदे खेमे को समर्थन दे रहे हैं। इसको लेकर सीएम शिंदे ने कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के निचले सदन में राहुल शेवाले को शिवसेना नेता के रूप में मान्यता दी है।
केंद्रीय एजेंसी से मुक्त हैं बागी
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सामना में राउत ने लिखा कि बागी विधायक और सांसद अब केंद्रीय जांच एजेंसियों के चंगुल से मुक्त हैं। उन्होंने दावा किया कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 बागी विधायक अयोग्य घोषित किए गए हैं। आरोप लगाया, ष्केंद्र शिवसेना को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए राज्य सरकार और 16 बागियों को बचाने की कोशिश कर रहा है।
कोर्ट का निर्णय तय करेगा लोकतंत्र का भविष्य
राउत ने कहा कि देश का भविष्य और लोकतंत्र इस बात पर निर्भर करता है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ क्या फैसला लेती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पार्टी सांसद विनायक राउत द्वारा उन्हें दिए गए एक पत्र का संज्ञान लिए बिना शिवसेना सांसदों के समूह को मान्यता दी।