फ्रैंकलिन टेंपलटन पर 2020 में अपनी 6 स्कीम्स को बंद करते समय रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन करने का आरोप है. हालांकि, फ्रैंकलिन टेंपलटन के एक प्रवक्ता ने कहा कि वे सेबी के आदेश से असहमति जताते हैं और सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में अपील दायर करेंगे.
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सेबी के आदेश के मुताबिक, फ्रैंकलिन टेंपलटन ट्रस्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर 2 करोड़ रुपये और फ्रैंकलिन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड प्रेजिडेंट संजय सापरे और उसके चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर संतोष कामत दोनों पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
फंड मैनेजर्स पर 1.5 करोड़ रु का जुर्माना
इसके अलावा रेगुलेटर ने फंड मैनेजर्स पर प्रत्येक 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, जिनमें कुनाल अग्रवाल, पल्लब रॉय, सचिन पाडवाल देसाई और उमेश शर्मा के साथ पूर्व फंड मैनेजर सुमित गुप्ता भी शामिल हैं. इसके साथ चीफ कंप्लायंस ऑफिसर सौरभ गंगराडे पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इन्हें 45 दिन के अंदर जुर्माने का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. सेबी ने इस बात का उल्लेख किया है कि फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड (MF) के ट्रस्टी और उनके अधिकारी म्यूचुअल फंड के कामकाज में कुछ लापरवाहियों को रोकने में असफल रहगे हैं.
सेबी ने अपने 151 पन्नों के आदेश में कहा कि उनके द्वारा अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए किए गए काम और गलतियां विशेषकर यूनिटहोल्डर्स और सामान्य तौर पर निवेशकों के हितों में नहीं हैं. रेगुलेटर के मुताबिक, अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया और रेगुलेटरी जरूरतों का उल्लंघन किया है, जिसने यूनिटहोल्डर्स के हितों में मुश्किलें लाई हैं. ट्रस्टीज पर सेबी ने कहा कि प्रमाणों से यह संकेत नहीं मिलता कि उन्होंने ध्यान से काम किया है और सेवा के उच्च मांपदंडों का पालन किया है.