लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जितने कुल सक्रिय केस हैं, उससे अधिक कई राज्यों में प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या आ रही है। महाराष्ट्र की आबादी उत्तर प्रदेश से आधी है ,लेकिन कोरोना केस प्रतिदिन कई गुना ज्यादा। दिल्ली की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की 10 प्रतिशत भी नहीं फिर भी लगाना पड़ा लाॅकडाउन और अव्यवस्था फैली । महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने लगाया संपूर्ण लाकडाउन जिससे आर्थिक गतिविधियां बंद हुयीं । इससे प्रतिदिन काम कर कमाने वालों के समक्ष आया जीविका का संकट और मध्यम वर्ग ने भी फेस कीं आर्थिक चुनौतियां। उद्यम और बाजार बंद होने से बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए ।
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यूपी में रहा केवल कोरोना कर्फ्यू जिससे आर्थिक गतिविधियां थमीं नहीं। सावधानी के सभी उद्यम चलते रहे, आवश्यक वस्तुओं के बाजार खुले रहे। चलती रही आर्थिक गतिविधियां। जीवन के साथ रखा गया जीविका का विशेष खयाल। कृषि, फल मंडी, सब्जी मंडी, उद्यम एवं निर्माण कार्य – सभी को कोरोना प्रोटोकाल के साथ सुचारु रूप से चलाया गया। सभी उद्यम इकाइयों की कोविड हेल्प डेस्क और कोविड केयर सेंटर के साथ आर्थिक गतिविधियां जारी रखने में सफलता प्राप्त की। उत्तर प्रदेश की आबादी भारतीय राज्यों में सबसे ज्यादा, कई यूरोपीय देशों की संयुक्त आबादी के बराबर, पाकिस्तान जैसे देश के बराबर और भारत के अन्य पड़ोसियों से अधिक…..फिर भी सीमित संसाधनों में सबसे बेहतर किया कोरोना प्रबंधन, सबसे ज्यादा बचाई लोगों की जान। यूपी के माइक्रो मैनेजमेंट का विश्वस्वास्थ्य संगठन भी कायल हुआ।