shakun shastra : जीवन के डगर में कठिनाइयां ,रुकावट, बाधाएं आती रहती है। इन सबके बीच व्यक्ति आपने द्वार निर्धारित किए गए लक्ष्यों को पूरा करने में अपनी योजना बनाता है।कभी व्यक्ति को सफलता मिलती है, तो कभी उसे कार्यों में रुकावटों का सामना करना पड़ता है। जाने अनजाने में व्यक्ति कुछ ऐसे कार्यो को करता है जो उसे नहीं करना था। हिंदू धर्म ग्रंथों में इन सब विषम परिस्थितियों को लेकर बृहद व्याख्या की गई है। इसी तरह शुभ -अशुभ और शकुन -अपशकुन को लेकर शकुन शास्त्र में बहुत ही गहराई से बताया गया है। जीवन के हर पहलू पर शकुन -अपशकुन को लेकर मन में उपजने वाली शंकाओं के उचित समाधान के लिए इसमें बताया गया है।
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नवीन कार्य को आरंभ करने और कार्यों में आने वाली बाधाओं के बारे शकुन -अपशकुन के संकेतों के बारे में बताया गया है। प्रकृति अपने माध्यम से मनुष्य को आने वाले शुभ-अशुभ की जानकारी देती रहती है। आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे जिससे पता चलता है कि कार्य पूर्ण होंगे या क्या शुभ फल प्राप्त होगा।
1.घर में काले चूहों की अधिक संख्या शुभ संकेत नहीं है। जिस घर में ऐसा होता है वहां अचानक किसी बीमारी के होने का अंदेशा रहता है।
2.घर में चमगादड़ों का वास अशुभ होता है।
3.गाय या अन्य जानवर को झाड़ू से नहीं मारना चाहिए। यह अपशकुन माना गया है।
4.मार्ग में कोई सिक्का मिल जाए तो इसका अर्थ ये होता है कि जिस कार्य के लिए आप निकले हैं, उसमें विलंब हो सकता है।
5.स्त्री की रोने की आवाज आधी रात में सुनाई दे तो वह अपशगुन होता है।
6.घर की छत या मुंडेर पर कोयल या सोन चिरैया चहचहाए, वहां निश्चित ही श्री वृद्धि होती है।
7.खुले स्थान पर झाड़ू रखना अपशकुन माना जाता है।
8.भोजन कक्ष में झाड़ू न रखें अपशकुन माना जाता है।
9.झाड़ू को कभी भी खड़ी करके नहीं रखना चाहिए। यह अपशकुन माना गया है।