Shani Vakri 2023: ग्रह मंडल में शनि देव न्याय के देवता के रूप में पूजे जाते है। शनि देव जातक के जीवन में किए जाने वाले कर्मों में का हिसाब देख कर फल प्रदान करते है। जगत में शनिदेव को लेकर आम धारणा है कि शनिदेव केवल दण्ड ही देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। शनिदेव पुरस्कार भी देते हैं। शनिदेव जगत में जातक द्वारा किए गए शुभ कर्मों का शुभ फल और अशुभ कर्मों का अशुभ फल प्रदान करते है। न्याय के देवता कर्मों के पाई पाई का हिसाब रखते है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनिदेव तीन गुना शुभ फल देते हैं, वहीं अशुभ फल देते हैं तो तीन गुना अशुभ फल देते हैं। इस तरह शनिदेव की दृष्टि महत्वपूर्ण हो जाती है।
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बता दें कि अभी फिलहाल शनि कुंभ राशि में मौजूद हैं। और 17 जून की रात 10 बजकर 48 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं और 4 नवंबर तक सुबह 8 बजकर 26 मिनट तक रहेंगे और फिर मार्गी हो जाएंगे।
शनि देव सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह है। किसी भी राशि में शनि देव करीब ढाई साल तक रहते हैं। शनि देव को न्यायप्रिय और कर्मफल दाता के नाम से जाना जाता है। शनि की वक्र दृष्टि आमतौर पर अनुकूल नहीं मानी जाती है लेकिन जिनकी कुंडली में शनि वक्री अवस्था में होते हैं उनके जीवन में शनि की वक्री अवस्था से लाभ के योग बनने लगेंगे।