देहरादून। चारधाम मंदिरों के कपाट बंद नहीं होते, केवल ग्रीष्मकाल स्थान बंद होता है। इस दौरान धामों में देवता पूजन करते हैं। इसके बाद शीतकालीन स्थान पर पूजा होती है। लोगों में भ्रांति है कि केवल छह महीने ही दर्शन होते हैं। ऐसा नहीं है। इस भ्रांति को तोड़ने के लिए 16 दिसंबर से शीतकालीन यात्रा शुरू होगी। इसमें इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
पढ़ें :- Ayodhya News : सेना के लिए आरक्षित जमीन अब अडाणी, रामदेव, रविशंकर के नाम, बफर जोन गांव 'डिनोटिफाई' होने पर उठा सवाल
धारा 370 पर दिए गए बयान के बाद स्वामी रामदेव ने कहा था कि वे शंकराचार्य नहीं है
हिंदू होने की सबसे पहली शर्त है कि गोभक्त होना चाहिए। वसंत विहार के ऑफिसर्स कॉलोनी में धर्मसभा आयोजित की गई। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज (Shankaracharya Avimukteshwaranand Maharaj) ने कहा कि धारा 370 पर दिए गए बयान के बाद स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) ने कहा था कि वे शंकराचार्य नहीं है। 370 लागू करने का समर्थन कर रहे हैं और उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा होना चाहिए।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा था धारा 370 लगी रहती तो अच्छा था, क्योंकि उसमें गोहत्या पूरी तरह से प्रतिबंधित थी
सनातन धर्म (Sanatan Dharma) से बहिष्कार किया जाना चाहिए। उन्होंने सिर्फ ये कहा था कि धारा 370 लगी रहती तो अच्छा था, क्योंकि उसमें गोहत्या पूरी तरह से प्रतिबंधित थी। वे स्वामी रामदेव को नोटिस देंगे। उन्होंने आरोप तो लगा दिए लेकिन सिद्ध नहीं कर सके। जो अपने सर्वोच्च धर्माचार्य के ऊपर ये कहे कि उसे हिंदू धर्म से बहिष्कृत करना चाहिए, तो उसे हिंदू धर्म (Hinduism) में रहने का अधिकार है या नहीं, इस पर विचार होना चाहिए।