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श्री राधाकृष्ण जी महाराज मंदिर की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए शोभिक गोयल ने खरीदा, ​CM से लेकर DM तक हुई शिकायत

By टीम पर्दाफाश 
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आगरा। सिकंदरा योजना में सेक्टर 12 और 15 में एंथम एंथेला की भूमि नीलामी घोटाला प्रकरण लगातार सुर्खियों में रहा है। इस घोटाले में ओपी चेन्स ग्रुप का नाम शामिल है। अभी इस मामले की जांच चल रही थी कि एक बार फिर ओपी चेन्स ग्रुप के मालिक शोभिक गोयल मंदिर की जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। आरोप है कि ट्रस्ट की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए खरीदा गया है। साथ ही बिल्डर द्वारा खुर्द बुर्द कर पुराने मन्दिर के अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है। अब इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी तक की गई है।

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आवास विकास कॉलोनी सिकन्दरा योजना निवासी उदय प्रताप सिंह चौहान ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि, प्रार्थीगण उक्त मन्दिर श्री राधाकृष्ण जी महाराज में सेवा पूजा करने वाले एवं उसमें आस्था रखने वाले व्यक्ति हैं। उक्त मन्दिर प्रांगण में श्री राधाकृष्ण जी महाराज की प्राण प्रतिष्ठा सन 1958 में विद्यावती देवी द्वारा करायी गयी थी। इस मंदिर में महादवे एवं बालाजी महाराज के मंदिर बने हुए हैं, जिसमें स्थानीय लोगों की काफी आस्था है। लेकिन अब इस मंदिर में आम नागरिकों को पूजा अर्चना करने से रोक लगा दी गयी है।

जिलाधिकारी को लिखे पत्र में उन्होंने बताया कि, इसकी जानकरी करने पर मालूम हुआ कि, विद्यावत्ती देवी ने 22-10-1958 को श्री राधाकृष्ण मूर्ति की स्थापित कर मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा करायी थी। पत्र में बताया गया कि, उन्होंने 28-10-1958 को बजरिये पंजीकृत पुण्य पत्र (दान पत्र) श्री राधाकृष्ण जी महाराज मन्दिर के नाम खसरा नं० 3617 नगर निगम नम्बरी 26/257 चावल वाला बाग सुल्तान गंज, विजय नगर हरीपर्वत वार्ड, आगरा को किया गया। इसमें ये भी उल्लेख किया गया कि उक्त मन्दिर की सम्पत्ति किसी भी स्थिति में विक्रय एवं रहन आदि के उपयोग में नहीं होगी। इसके साथ ही विद्यावती देवी ने 08.07.1980 को एक नियुक्ति पत्र पंजीकृत लिखा जिसमें उन्होंने विनोद कुमार सिंह, विजेन्द्र कुमार सिंह एवं प्रवीन कुमार सिंह को राधा कृष्ण महाराज ट्रस्ट का प्रबन्धक व सर्वराकार नियुक्त किया था।

विद्यावती देवी के निधन के बाद तैयार किए फर्जी दस्तावेज
इस पत्र में आरोप है ​कि, विद्यावती देवी का निधन 04.11.1986 को हुआ था। आरोप है कि, इसके बाद इन तीनों भाइयों ने अपंजीकृत फर्जी स्मृति पत्र 28.10.1986 तैयार किया गया। इसमें उनके द्वारा उल्लेख किया गया कि, खसरा सं० 3617 चावल वाला बाग में मंदिर भवन को छोड़कर उक्त सम्पत्ति का विक्रय कर सकते हैं। लेकिन विद्यावती द्वारा पंजीकृत दान पत्र 1958 में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि खसरा नं0 3617 का कभी भी किसी भी स्थिति में विक्रय नहीं किया जायेगा।

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ओपी चेन्स के मालिक को बेची जमीन
आरोप है कि, विद्यावती देवी के निधन के बाद तीनों भाइयों ने आगरा के नामचीन बिल्डर ओपी चेन्स के मालिक से इस जमीन का सौदा कर दिया। इस दौरान उन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिए ट्रस्ट की जमीन को ओपी चेन्स के मालिक शोभिक गोयल को बेच दी। आरोप है कि सभी जानकारी के बाद भी शोभिक गोयल ने तीनों भाइयों के साथ मिलकर जमीन को मोटे दामों में खरीद लिया।

राज्य मंत्री पुलिस कमिश्नर आगरा को लिखा था पत्र
उदय प्रताप सिंह चौहान की शिकायत पर राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल ने पुलिस कमिश्नर आगरा को पत्र लिखा था। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए निर्देश दिए थे। उन्होंने शिकायत पत्र पढ़ने के बाद कहा था कि, इस प्रकरण में घोर लापरवाही बरती गयी है। साथ ही पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने भी दिए थे जांच के निर्देश
इस मामले में मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने भी जांच के निर्देश दिए थे। साथ ही नियमानुसार कार्रवाई करते हुए 10 दिनों में आख्या मांगी थी।

 

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