श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2021: हिंदी पंचांग के अनुसार सोमवार 23 अगस्त से छठा माह भाद्रपद शुरू हो चुका है। यह महीना 20 सितंबर तक चलेगा। इस पूरे माह में कई बड़े त्योहार भी आने वाले हैं जिसमें जन्माष्टमी से लेकर गणेश चतुर्थी शामिल हैं। भक्ति और मुक्ति से जुड़े भाद्रपद मास में अन्य मास की तरह पूजन, दान, खान–पान आदि के अपने नियम हैं। इस वर्ष 30 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जानी है। इस बार की जन्माष्टमी बहुत खास हो गई है। 29 अगस्त को रात के 11.25 बजे से अष्टमी तिथि शुरू हो रही है, जो 30 अगस्त को रात 1.59 तक रहेगी। इस बार कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, ये संयोग भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय बने थे।
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भगवान श्रीकष्ण का जन्म
भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। जब भगवान श्रीकष्ण का जन्म हुआ उस समय ग्रह नक्षत्रों की जो चाल थी संयोग से इस बार भी जन्मअष्टमी तिथि को वही संयोग बन रहा है। उस समय चंद्रमा वृष राशि में थे और रोहिणी नक्षत्र का संयोग था। इस वर्ष 30 अगस्त को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग बना है, जो अत्याधिक दुर्लभ है। जाहिर है कि इस संयोग को लेकर भक्तों में उत्साह हैं और इसी कारण इस बार की जन्माष्टमी को काफी अहम माना जा रहा है। कई लोग तो इस संयोग को विशेष रूप से मंगलकारी मान रहे हैं।
ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, सभी कष्ट दूर होते हैं और रिद्धि- सिद्धि की प्राप्ति भी होती है।