नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। लोकसभा और राज्यसभा के कुल 92 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इतनी बड़ी संख्या में सांसदों के निलंबन के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है। सोमवार लोकसभा के 33 सांसद और राज्यसभा के 45 सांसदों को निलंबित किया गया। इससे पहले 14 सांसदों को निलंबित किया गया था।
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इस तरह अब तक सत्र में 92 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है। ये पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को सस्पेंड किया गया है। हालांकि, इससे पहले भी सांसदों के निलंबन का रिकॉर्ड बना था। आएइ जानते हैं कि संसद से कब कब बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित किया गया।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो, इससे पहले 1989 में संसद से 63 सांसदों को सस्पेंड किया गया था। सांसदों के सस्पेंशन की अवधि एक सप्ताह थी। उस समय सदन में ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट पर हंगामा हुआ था। केंद्र में उस समय राजीव गांधी की सरकार थी। उस समय तीन दिन के दौरान लोकसभा से 63 सांसदों को सस्पेंड किया गया था।
रिपोर्ट की माने तो, अगर हाल के वर्षों में 2021 में शीतकालीन सत्र भी हंगामेदार रही थी।तत्कालीन राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कथित अव्यवस्थित आचरण के लिए 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया था। इसके साथ ही, साल 2020 में राज्यसभा से कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान खराब आचरण के लिए आठ सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
बता दें कि, सोमवार को लोकसभा के 33 सांसदों के निलंबन के बाद राज्यसभा से विपक्ष के 45 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। ऐसे में आज दोनों सदनों से 78 सांसदों को सस्पेंड किया गया है। वहीं, शीतकालीन सत्र में सस्पेंड किए गए सांसदों की संख्य अब 92 पहुंच गयी है।