Aditya-L1 Mission: इसरो (ISRO) यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पहले सोलर मिशन आदित्य एल-1 (Solar Mission Aditya L-1) ने सूरज की ओर एक और कदम आगे बढ़ाया है। आदित्य एल-1 ने पृथ्वी की कक्षा का तीसरा चक्कर (मैन्यूवर) पूरा कर लिया है। अब अंतरिक्षयान 296x 71,767 किलोमीटर की अंडाकार कक्षा में चक्कर काट रहा है।
पढ़ें :- ISRO और SpaceX की साझेदारी कामयाब, भारत की सबसे एडवांस कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-N2 लॉन्च
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया (ईबीएन-3) आईएसटीआरएसी, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पूरी की गई। मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र)-शार और पोर्ट ब्लेयर में आईएसटीआरएसी/इसरो के केंद्रों ने इस अभियान के दौरान उपग्रह की निगरानी की।’
Aditya-L1 Mission:
The third Earth-bound maneuvre (EBN#3) is performed successfully from ISTRAC, Bengaluru.ISRO’s ground stations at Mauritius, Bengaluru, SDSC-SHAR and Port Blair tracked the satellite during this operation.
The new orbit attained is 296 km x 71767 km.… pic.twitter.com/r9a8xwQ4My
पढ़ें :- एलन मस्क के 'ट्रंप कार्ड' से भारत में आज आधी रात बाद बदल जाएगी इंटरनेट-ब्रॉडबैंड की दुनिया, ISRO व SpaceX लांच करेंगे GSAT-N2
— ISRO (@isro) September 9, 2023
स्पेस एजेंसी ने आगे लिखा, ‘प्राप्त की गई नई कक्षा 296 किलोमीटर x 71,767 किलोमीटर है। आदित्य एल1’ की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित चौथी प्रक्रिया 15 सितंबर 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात लगभग दो बजे निर्धारित है।’ इसरो के मुताबिक, इसके बाद आदित्य एल1 को एक और बार कक्षा बदलना होगा। फिर अंतरिक्षयान ट्रांस-लैंग्रेजियन1 कक्षा में चला जाएगा।
बता दें कि इसरो ने अपने सोलर मिशन ‘आदित्य एल1’ आदित्य एल1 को दो सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया था। 128 दिन की अंतरिक्ष की यात्रा पूरी करने के बाद इस अंतरिक्षयान को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। आदित्य एल1 पर लगे पेलोड सूरज की रोशनी, प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे।